द्वारका एक्सप्रेसवे पर मानव रहित टोल प्लाजा: 50 मीटर में कटेगा टोल

द्वारका एक्सप्रेसवे का अनोखा टोल प्लाजा
द्वारका एक्सप्रेसवे पर मानव रहित टोल प्लाजा: 50 मीटर में कटेगा टोल: हरियाणा के गुरुग्राम में यात्रियों के लिए एक नई और रोमांचक सूचना है! द्वारका एक्सप्रेसवे पर एक ऐसा टोल प्लाजा स्थापित किया गया है, जो पूरी तरह से मानव रहित है। यह टोल प्लाजा नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा गुरुग्राम-दिल्ली सीमा पर बजघेड़ा में बनाया गया है।
गुरुवार, 29 मई 2025 से एयरपोर्ट से गुरुग्राम तक बनी टनल का ट्रायल रन भी शुरू किया जाएगा। यह अत्याधुनिक तकनीक से लैस टोल प्लाजा न केवल समय की बचत करेगा, बल्कि यात्रा को भी सुगम बनाएगा। इस लेख में हम द्वारका एक्सप्रेसवे के इस टोल प्लाजा की विशेषताएँ, टोल वसूली की प्रक्रिया, और इससे जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी को सरल और रोचक तरीके से प्रस्तुत करेंगे।
द्वारका एक्सप्रेसवे पर टोल प्लाजा की विशेषताएँ
द्वारका एक्सप्रेसवे पर स्थित यह टोल प्लाजा हरियाणा का दूसरा मानव रहित टोल प्लाजा है। इससे पहले सोनीपत में भी ऐसा ही एक टोल प्लाजा शुरू किया गया था। इस नए सिस्टम में पारंपरिक बूम बैरियर की जगह आधुनिक सेंसर युक्त बूम बैरियर लगाए गए हैं, जो एडवांस टोल मैनेजमेंट सिस्टम से जुड़े हैं।
जैसे ही आपका वाहन 50 मीटर की दूरी पर पहुंचता है, फास्टैग के माध्यम से टोल टैक्स अपने आप कट जाता है। इससे पहले ही बूम बैरियर ऊपर उठ जाता है, जिससे आपको लंबी लाइनों में खड़े होने की आवश्यकता नहीं होती। यह प्रणाली पूरी तरह से स्वचालित है और हर लेन में उच्च गुणवत्ता वाले कैमरे लगाए गए हैं, जो सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करते हैं।
टोल शुल्क: अनुमानित लागत
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने द्वारका एक्सप्रेसवे पर टोल शुल्क की आधिकारिक घोषणा नहीं की है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यहां की दरें दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के समान हो सकती हैं, जहां प्रति किलोमीटर 2 रुपये से अधिक का शुल्क लिया जाता है।
यह आधुनिक टोल प्लाजा टोल वसूली की प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाएगा। वाहन चालकों को न केवल समय की बचत होगी, बल्कि यात्रा का अनुभव भी बेहतर होगा। हरियाणा में इस तरह की तकनीक यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
50 मीटर की रेंज में स्वचालित टोल कटौती
इस टोल प्लाजा की सबसे बड़ी विशेषता इसकी स्वचालित टोल कटौती की सुविधा है। जैसे ही आपका वाहन 50 मीटर की रेंज में आता है, सेंसर इसे पहचानते हैं और फास्टैग के माध्यम से टोल टैक्स अपने आप कट जाता है।
यदि कोई वाहन बिना टोल शुल्क चुकाए निकलने का प्रयास करता है, तो उच्च गुणवत्ता वाले कैमरे इसे रिकॉर्ड कर लेंगे। इसके अलावा, स्वचालित नंबर प्लेट पहचान प्रणाली की मदद से हर वाहन की एक अद्वितीय आईडी बनाई जाएगी। भविष्य में यह प्रणाली इतनी उन्नत हो जाएगी कि फास्टैग और बूम बैरियर की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
द्वारका एक्सप्रेसवे: तकनीकी समस्याओं का समाधान
द्वारका एक्सप्रेसवे का यह टोल प्लाजा पूरी तरह से स्वचालित होने के बावजूद सुरक्षित और विश्वसनीय है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इसके लिए एक नियंत्रण कक्ष तैयार किया है, जहां इंजीनियर की ड्यूटी लगाई जाएगी। किसी भी तकनीकी समस्या की स्थिति में इसे तुरंत ठीक किया जाएगा।
अभी दोनों ओर एक-एक लेन नकद भुगतान के लिए रखी गई है, लेकिन भविष्य में इसे भी बंद कर दिया जाएगा। यह कदम टोल वसूली को और अधिक डिजिटल और सुविधाजनक बनाएगा।
यात्रियों के लिए विशेष लाभ
द्वारका एक्सप्रेसवे का यह मानव रहित टोल प्लाजा यात्रियों के लिए समय और परेशानी दोनों को कम करेगा। लंबी लाइनों से मुक्ति, तेज टोल वसूली, और आधुनिक तकनीक का उपयोग इसकी विशेषताएँ हैं।
यह न केवल गुरुग्राम-दिल्ली की यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि हरियाणा में स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यदि आप भी इस मार्ग से यात्रा करते हैं, तो इस नए सिस्टम से आपकी यात्रा का अनुभव और बेहतर होगा।