नरेंद्र मोदी का 11 साल का सफर: भारत की प्रगति की कहानी

नरेंद्र मोदी का ऐतिहासिक शपथ ग्रहण
26 मई, 2014 को राष्ट्रपति भवन में सुनहरे कुर्ते में आत्मविश्वास से भरे नरेंद्र मोदी ने भारत के 15वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। गुजरात के एक छोटे शहर से शुरू हुआ उनका सफर आज देश के सर्वोच्च पद तक पहुंच चुका है, जो अपने आप में एक प्रेरणादायक कहानी है। यह दिन न केवल उनके लिए, बल्कि भारत के लिए भी एक ऐतिहासिक क्षण था।
गुजरात से वैश्विक मंच तक की यात्रा
26 मई, 2025: 11 साल बाद, नरेंद्र मोदी फिर से गुजरात पहुंचे, जहां से उनकी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत हुई थी। आज वे देश के सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री बन चुके हैं। गुजरात में विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेते हुए, वे उस यात्रा का प्रतीक बन गए हैं, जो दिल्ली से शुरू होकर वैश्विक मंच तक पहुंची। इन वर्षों में नीतियों में बदलाव आया, दृष्टिकोण बदला और भारत को देखने का नजरिया भी। आलोचनाएं आईं, समर्थन मिला, लेकिन भारत प्रगति की राह पर अडिग रहा।
11 साल, 11 उपलब्धियां: भारत का कायाकल्प
पिछले एक दशक में पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने कई क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति की है।
जनधन योजना: 2014 में शुरू हुई इस योजना ने करोड़ों गरीबों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा।
स्वच्छ भारत मिशन: स्वच्छता को जन-आंदोलन बनाकर 10 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण किया गया।
जीएसटी: "एक राष्ट्र, एक कर" की नीति ने व्यापार को सरल और पारदर्शी बनाया।
आयुष्मान भारत: दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना ने गरीबों को मुफ्त इलाज प्रदान किया।
डिजिटल इंडिया: UPI और डिजिलॉकर जैसे प्लेटफार्मों ने तकनीक को आम जनता तक पहुंचाया।
इंफ्रास्ट्रक्चर: 37 किमी प्रतिदिन के हिसाब से हाईवे निर्माण ने भारत को नई गति दी।
वैश्विक पहचान: विदेश नीति के माध्यम से भारत ने UN, अमेरिका, जापान और UAE में अपनी छवि को मजबूत किया।
आत्मनिर्भर भारत: कोविड-19 के बाद स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिला।
अनुच्छेद 370: जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा हटाने का ऐतिहासिक कदम उठाया गया।
राम मंदिर: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को शांतिपूर्ण नेतृत्व प्रदान किया गया।
नारी शक्ति: तीन तलाक कानून और बेटी बचाओ अभियान ने महिलाओं को सशक्त किया।