नायरा एनर्जी ने माइक्रोसॉफ्ट के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर की याचिका
भारत की प्रमुख तेल रिफाइनरी नायरा एनर्जी ने माइक्रोसॉफ्ट के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। कंपनी का आरोप है कि माइक्रोसॉफ्ट ने नियमों का उल्लंघन करते हुए उनकी तकनीकी सेवाओं को निलंबित कर दिया है। यह विवाद रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण यूरोपीय संघ द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के बीच उत्पन्न हुआ है, जिससे नायरा एनर्जी को गंभीर वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
Jul 29, 2025, 17:47 IST
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नायरा एनर्जी और माइक्रोसॉफ्ट के बीच विवाद
भारत की एक प्रमुख तेल रिफाइनरी, नायरा एनर्जी, और टेक दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट के बीच हाल ही में विवाद बढ़ गया है। यूरोपीय संघ द्वारा रूसी तेल पर प्रतिबंध लगाने के बाद, माइक्रोसॉफ्ट ने नायरा को तकनीकी सेवाएं, जैसे ईमेल, उपयोग करने से रोक दिया है। इस स्थिति के चलते, नायरा एनर्जी ने दिल्ली उच्च न्यायालय में माइक्रोसॉफ्ट के खिलाफ याचिका दायर की है।
नायरा एनर्जी ने आरोप लगाया है कि माइक्रोसॉफ्ट ने नियमों का उल्लंघन करते हुए उनकी सेवाओं को निलंबित कर दिया है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट से सेवाएं लेने के लिए लाइसेंस खरीदे हैं, लेकिन फिर भी उन्हें रोक दिया गया है। यह निलंबन एकतरफा और खतरनाक है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण, यूरोपीय संघ ने रूस पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे नायरा एनर्जी और रिलायंस इंडस्ट्री जैसी भारतीय रिफाइनरी कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। पहले, ईयू ने रूसी तेल के आयात पर रोक लगाई और बाद में इन कंपनियों के ईयू में आयात पर भी प्रतिबंध लगा दिया। नायरा एनर्जी, जो रूस से सस्ते तेल खरीदकर उसे रिफाइन करके यूरोप में बेचती थी, अब गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रही है।
नायरा एनर्जी, जो कि एक प्रमुख तेल कंपनी है, का रोजनेफ्ट के साथ करार है, जिसमें उसकी 49.13 प्रतिशत हिस्सेदारी है। माइक्रोसॉफ्ट द्वारा सेवाओं के निलंबन और ईयू के प्रतिबंध के चलते, कंपनी को दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। नायरा ने कहा है कि माइक्रोसॉफ्ट का यह निर्णय कॉर्पोरेट जगत के लिए उचित नहीं है और इससे भारत के ऊर्जा क्षेत्र में गंभीर चिंताएं उत्पन्न होती हैं।