निकोलस पूरन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से लिया संन्यास, जानें इसके पीछे की वजहें

निकोलस पूरन का संन्यास
निकोलस पूरन का संन्यास: वेस्टइंडीज के प्रमुख बल्लेबाज निकोलस पूरन ने केवल 29 वर्ष की आयु में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहकर सभी को चौंका दिया है। एक समय ऐसा भी था जब 2015 में एक कार दुर्घटना के बाद चिकित्सकों ने उन्हें क्रिकेट खेलने से मना कर दिया था।
फिर भी, अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प के बल पर पूरन ने न केवल वापसी की, बल्कि 61 वनडे और 106 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में वेस्टइंडीज का प्रतिनिधित्व भी किया। लेकिन इतनी कम उम्र में उन्होंने क्रिकेट को छोड़ने का निर्णय क्यों लिया? आइए जानते हैं उनके इस फैसले के पीछे की वजहें।
क्रिकेट बोर्ड के साथ मतभेद
हाल ही में वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के बीच वनडे और टी20 श्रृंखला का आयोजन हुआ। पूरन ने इस दौरे से ब्रेक लिया और कहा कि वह IPL की तैयारियों में व्यस्त हैं। हालांकि, वह टी20 श्रृंखला के लिए उपलब्ध हो सकते थे, लेकिन उन्होंने इसमें भाग नहीं लिया।
इस बीच, यह भी कहा जा रहा है कि क्रिकेट वेस्टइंडीज (CWI) और पूरन के बीच कुछ मतभेद हो सकते हैं। हालांकि, न तो पूरन और न ही बोर्ड ने इस पर कोई आधिकारिक बयान दिया है।
फ्रेंचाइजी क्रिकेट का आकर्षण
आजकल, फ्रेंचाइजी क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए एक बड़ा आकर्षण बन गया है। निकोलस पूरन इंडियन प्रीमियर लीग (IPL), कैरेबियन प्रीमियर लीग (CPL), मेजर लीग क्रिकेट (MLC) और द हंड्रेड जैसे टूर्नामेंटों में प्रमुख नाम हैं। IPL 2025 में लखनऊ सुपर जायंट्स ने उन्हें 21 करोड़ रुपये में रिटेन किया, जो केवल दो महीने के खेल के लिए है।
इसके विपरीत, वेस्टइंडीज के लिए पूरे साल खेलने पर खिलाड़ियों को लगभग 2 करोड़ रुपये मिलते हैं। इस प्रकार, फ्रेंचाइजी क्रिकेट की उच्च कमाई और कम समय की प्रतिबद्धता पूरन के संन्यास का एक महत्वपूर्ण कारण हो सकती है।
शारीरिक और मानसिक थकान
लगातार क्रिकेट खेलने से खिलाड़ियों को शारीरिक और मानसिक थकान का सामना करना पड़ता है। पूरन दो फॉर्मेट में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के अलावा कई टी20 लीग में खेलते हैं। IPL 2025 के बाद उन्हें इंग्लैंड दौरे पर जाना था, और फिर CPL में भाग लेना था। इस व्यस्त कार्यक्रम में रिकवरी के लिए समय कम मिलता है। संभवतः, पूरन ने मानसिक और शारीरिक थकान से बचने के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट छोड़ने का निर्णय लिया होगा।