निक्की हेली ने ट्रंप की भारत-रूस तेल खरीद नीति पर उठाए सवाल

ट्रंप के बयान पर निक्की हेली की प्रतिक्रिया
निक्की हेली ने ट्रंप के उस बयान पर अपनी नाराज़गी व्यक्त की है, जिसमें उन्होंने भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने पर 25% टैरिफ बढ़ाने की बात कही थी। उन्होंने चीन को दी गई रियायतों का उल्लेख करते हुए कहा कि यदि अमेरिका अपने सहयोगी भारत पर सख्ती करता है और चीन को छूट देता है, तो यह अमेरिका की दोहरी नीति को दर्शाता है। ट्रंप ने यह कदम भारत पर दबाव बनाने के लिए उठाने की बात कही, जबकि भारत अपनी ऊर्जा नीति को राष्ट्रीय हितों से संबंधित मुद्दा मानता है।
सोशल मीडिया पर ट्रंप की नीति की आलोचना
निक्की हेली ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर ट्रंप की नीति की आलोचना करते हुए लिखा, “भारत को रूस से तेल नहीं खरीदना चाहिए, लेकिन चीन, जो अमेरिका का प्रतिद्वंद्वी है और रूस व ईरान से सबसे अधिक तेल खरीदता है, उसे 90 दिन की टैरिफ छूट दी गई।” हेली ने कहा कि इस तरह की नीति से अमेरिका अपने सहयोगियों को खो सकता है।
टैरिफ और रूस से तेल खरीद का मुद्दा
हाल ही में एक मीडिया इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा कि भारत की टैरिफ दरें दुनिया में सबसे ऊंची हैं और भारत, रूस से तेल खरीदकर अपनी 'युद्ध मशीन' को ईंधन दे रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि वे भारत के निर्यात पर पहले से लागू 25% टैरिफ को और बढ़ाने की योजना बना रहे हैं।
भारत की स्थिति, राष्ट्रीय हित सर्वोपरि
भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि उसकी ऊर्जा नीति पूरी तरह से राष्ट्रीय हितों और उपभोक्ता की आवश्यकताओं पर आधारित है। विदेश मंत्रालय ने यह भी याद दिलाया कि अमेरिका और यूरोपीय संघ जैसे पश्चिमी देश भी रूस के साथ व्यापारिक और ऊर्जा संबंध बनाए हुए हैं, तो भारत पर सवाल क्यों उठाए जा रहे हैं?
अमेरिका-भारत संबंधों के भविष्य पर विचार
निक्की हेली ने पहले भी भारत को अमेरिका का एक विश्वसनीय रणनीतिक साझेदार बताया है, खासकर चीन की बढ़ती ताकत को संतुलित करने के लिए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अमेरिका भारत जैसे लोकतांत्रिक देशों से संबंध खराब करता है, तो इसका दीर्घकालिक प्रभाव हो सकता है।