नितिन गडकरी पर कांग्रेस का गंभीर आरोप: 'हितों का टकराव'

गडकरी के इथेनॉल प्रोजेक्ट पर उठे सवाल
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, जो अपनी स्पष्टता और तेज गति से सड़क निर्माण के लिए जाने जाते हैं, अब एक राजनीतिक विवाद में फंस गए हैं। कांग्रेस पार्टी ने उन पर 'हितों के टकराव' का आरोप लगाया है, जिससे उन्हें सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया गया है। यह मामला गडकरी द्वारा इथेनॉल को वैकल्पिक ईंधन के रूप में बढ़ावा देने से जुड़ा है। कांग्रेस का कहना है कि गडकरी जिस इथेनॉल को लाभकारी बता रहे हैं, उसका सबसे बड़ा फायदा उनकी बेटे की कंपनी को हो रहा है।कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश और प्रवक्ता पवन खेड़ा ने मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए गडकरी और केंद्र सरकार पर कई गंभीर सवाल उठाए हैं।
पारिवारिक संबंध: कांग्रेस का आरोप है कि गडकरी के बेटे मानस एग्रो इंडस्ट्रीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड में निदेशक हैं, जो देश की प्रमुख इथेनॉल उत्पादक कंपनियों में से एक है।
टर्नओवर में वृद्धि: पार्टी का दावा है कि 2014 के बाद से इस कंपनी का टर्नओवर कई गुना बढ़ा है।
नीतियों में बदलाव: कांग्रेस ने दिसंबर 2020 की नीति का उल्लेख किया, जिसमें मक्का और चावल से इथेनॉल बनाने की अनुमति दी गई थी। उनका कहना है कि यह निर्णय मानस एग्रो जैसी कंपनियों को सीधा लाभ पहुंचाने के लिए लिया गया।
पवन खेड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया, "क्या आप इस घोटाले की जांच कराएंगे? गडकरी जी इथेनॉल के फायदों की बात करते हैं, लेकिन अब देश पूछ रहा है कि यह देशहित है या परिवार हित?"
'हितों का टकराव' का अर्थ है कि क्या एक मंत्री अपने पद का उपयोग ऐसे निर्णय लेने के लिए कर रहा है, जिससे उसके परिवार या उसकी कंपनी को लाभ हो। कांग्रेस का इशारा इसी ओर है।
गडकरी लंबे समय से पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम करने और प्रदूषण घटाने के लिए इथेनॉल जैसे वैकल्पिक ईंधन का समर्थन करते रहे हैं। लेकिन कांग्रेस के आरोपों के बाद उनकी इस मुहिम पर राजनीतिक सवाल उठने लगे हैं। कांग्रेस ने इस मामले को द्वारका एक्सप्रेसवे पर CAG रिपोर्ट में हुए खुलासे से भी जोड़ा है।