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नितेश राणे का विवादास्पद बयान: हिंसा का रंग और आतंकवाद

महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे ने हाल ही में पुणे यवत में हुई हिंसा पर विवादास्पद बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि 'कभी भी हिंदू दंगा नहीं करते हैं' और दंगों का रंग 'हरा' होता है। उनके इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आतंकवाद का कोई रंग नहीं होता। जानें इस बयान का समाज पर क्या प्रभाव पड़ सकता है और इसके पीछे की राजनीति क्या है।
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नितेश राणे का विवादास्पद बयान: हिंसा का रंग और आतंकवाद

नितेश राणे का बयान

Nitesh Rane: महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नितेश राणे अक्सर अपने बयानों के कारण चर्चा में रहते हैं। हाल ही में, उन्होंने पुणे यवत में हुई हिंसा पर अपनी प्रतिक्रिया दी। राणे ने कहा कि 'कभी भी कोई दंगा या हिंसा हिंदू नहीं करते हैं। दंगों और हिंसा का कारण बनने वाले लोग हमेशा 'हरा' रंग पहनते हैं।' उन्होंने हिंसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की आवश्यकता पर भी जोर दिया। इसके साथ ही, उन्होंने सकल हिंदू समाज की रैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि इससे किसी को परेशानी क्यों हो रही है?


आतंकवाद का रंग

आतंकवाद का केवल एक ही रंग


राणे ने पुणे यवत में हुई हिंसा पर अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि 'कभी भी हिंदू दंगा नहीं करते। आतंकवाद का रंग हमेशा 'हरा' होता है।' उन्होंने यह भी कहा कि 'सकल हिंदू समाज की रैली में हिंदुओं का समर्थन किया गया। अब इस रैली से किसी को परेशानी होने की कोई आवश्यकता नहीं है।'


प्रज्ञा ठाकुर का बयान

प्रज्ञा ठाकुर का हरा रंग पर बयान


समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने प्रज्ञा ठाकुर के हरे रंग पर दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि 'आतंकवाद का कोई धर्म, जाति या रंग नहीं होता। यह मानसिक विकृति और हिंसात्मक विचारधारा का परिणाम है।' भदौरिया ने यह भी कहा कि 'इस तरह के बयानों से समाज में नफरत और संकीर्णता को बढ़ावा मिलता है। मैं खुद हरा पहनता हूं, और रंगों को आतंकवाद से जोड़ना गलत है।'