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निर्मला सीतारमण ने करदाताओं की सेवा में पारदर्शिता की आवश्यकता पर जोर दिया

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने करदाताओं की सेवा में पारदर्शिता और ईमानदारी की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि कर विभाग के अधिकारियों का कर्तव्य है कि वे करदाताओं का विश्वास जीतें। यह बयान जीएसटी रजिस्ट्रेशन में देरी के मामले में आया है, जिसमें सीबीआईसी ने स्पष्टीकरण दिया। जानें इस मुद्दे के बारे में और क्या कहा गया है।
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निर्मला सीतारमण ने करदाताओं की सेवा में पारदर्शिता की आवश्यकता पर जोर दिया

निर्मला सीतारमण का बयान

निर्मला सीतारमण: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि करदाताओं की सेवा करना कर विभाग के अधिकारियों का कर्तव्य है और उन्हें यह कार्य पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ करना चाहिए।


वित्त मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक बयान में कहा, 'करदाताओं को सेवा प्रदान करना हमारा कर्तव्य है। करदाताओं की सेवा करते समय, उनका विश्वास और भरोसा जीतने के लिए पारदर्शिता और ईमानदारी बेहद जरूरी है। मुझे विश्वास है कि बोर्ड और क्षेत्रीय संरचनाएं संवेदनशील और उत्तरदायी बनी रहेंगी।'


यह बयान जीएसटी रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करने वाली एक व्यावसायिक इकाई के मामले में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) द्वारा दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरण के संदर्भ में आया था।


आवेदक ने आवेदन की प्रक्रिया में देरी की शिकायत की थी, जिसके जवाब में सीबीआईसी ने मामले के पेंडिंग होने के कारणों का स्पष्टीकरण दिया।


सीबीआईसी ने बताया कि करदाता कंपनी की ओर से साइन करने वाले व्यक्ति के पद से संबंधित सवाल का जवाब न मिलने के कारण यह देरी हुई।


लिंक्डइन पर जीएसटी रजिस्ट्रेशन मुद्दे पर विनोद गुप्ता द्वारा लिखे गए तथ्य का हवाला देते हुए सीबीआईसी ने एक्स पर कहा, 'आवेदन इस सप्ताह 26 मई (सोमवार) को दायर किया गया था, जिसे दिल्ली राज्य जीएसटी को सौंपा गया था। इस मामले में केंद्रीय जीएसटी अधिकारियों की कोई भूमिका नहीं थी।'


बयान में आगे कहा गया, 'दिल्ली राज्य जीएसटी अधिकारियों के अनुसार, मामले पर तुरंत काम किया गया था और कंपनी की ओर से रेंट एग्रीमेंट पर साइन करने वाले व्यक्ति के मिसिंग डिजिगनेशन के बारे में एक प्रश्न उठाया गया था। इस स्तर पर एआरएन करदाता की ओर से जवाब की वजह से पेंडिंग था और करदाता को इसकी जानकारी दी गई थी।'


बयान में बताया गया कि पेंडिंग जानकारी प्राप्त होने पर दिल्ली जीएसटी अधिकारी आवेदन पर कार्रवाई करेंगे।


सीबीआईसी ने आवेदक से अनुरोध किया है कि वे तथ्यों को बिना जाने सोशल मीडिया पर गलत जानकारी प्रसारित न करें।