नीतीश कुमार का विवादास्पद कदम: महिला प्रत्याशी को माला पहनाने पर उठे सवाल

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में नीतीश कुमार का विवाद
Bihar Assembly Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक ऐसे विवाद में उलझ गए हैं, जिसने राजनीतिक परिदृश्य को नया मोड़ दिया है। मुजफ्फरपुर में एक चुनावी कार्यक्रम में, नीतीश कुमार को महिला प्रत्याशी को जीत का आशीर्वाद देने के लिए मंच पर आना था। आमतौर पर इस तरह के आयोजनों में पुरुष प्रत्याशियों को माला पहनाई जाती है, जबकि महिलाओं को माला सौंपा जाता है। लेकिन इस बार नीतीश कुमार ने महिला प्रत्याशी के गले में माला डालकर परंपरा को तोड़ दिया, जिससे यह घटना विवाद का कारण बन गई।
जदयू के संजय झा का हस्तक्षेप
जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने नीतीश कुमार को सही दिशा में मार्गदर्शन देने का प्रयास किया। जब मुख्यमंत्री महिला प्रत्याशी के गले में माला डालने के लिए आगे बढ़े, तो संजय झा ने उन्हें रोकने के लिए इशारा किया। इसके बावजूद, नीतीश कुमार ने परंपरा को तोड़ते हुए महिला प्रत्याशी को माला पहनाई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिससे विवाद और बढ़ गया।
RJD का तीखा हमला
इस घटना के बाद, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने नीतीश कुमार पर तीखा हमला किया। राजद ने सोशल मीडिया पर इस वीडियो को साझा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पद की गरिमा लगातार गिरती जा रही है। पार्टी ने यह भी कहा कि अब कोई भी सीएम को झिड़कने में संकोच नहीं कर रहा है, जो नीतीश कुमार की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाता है।
ई गजब आदमी है भाई!!! 😀
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) October 21, 2025
मुख्यमंत्री जी अगर स्वस्थ है तो लिखा हुआ भाषण पढ़ ऐसी हरकतें क्यों कर रहे है? #Bihar pic.twitter.com/Xhit9l37Ib
पार्टी में असहमति का संकेत
राजद ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व को लेकर पार्टी में असहमति के संकेत मिल रहे हैं। जदयू के सदस्य अब चिंतित हैं, क्योंकि उन्हें नहीं पता कि नीतीश कुमार कब क्या कदम उठाएंगे। खासकर, संजय झा के बारे में राजद ने सवाल उठाया कि क्या उनके साथी भी मुख्यमंत्री से डरे हुए हैं। वीडियो में यह स्पष्ट है कि जब नीतीश कुमार महिला प्रत्याशी को माला पहनाने के लिए आगे बढ़ते हैं, तो संजय झा उन्हें रोकने की कोशिश करते हैं।
नीतीश कुमार की नेतृत्व क्षमता पर सवाल
राजद ने इस घटना के माध्यम से नीतीश कुमार की क्षमताओं पर सवाल उठाया है। उन्होंने पूछा कि क्या अब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनने के योग्य रह गए हैं? इस तरह के बयान नीतीश कुमार के नेतृत्व पर उठते सवालों को और मजबूत करते हैं, जो चुनावी मैदान में एक नई चुनौती बन सकते हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान यह घटना नीतीश कुमार की छवि पर सवाल उठाने का एक नया कारण बन गई है। राजनीति में परंपराओं का पालन महत्वपूर्ण होता है, और यह विवाद उस परंपरा को तोड़ने का परिणाम माना जा रहा है। अब देखना यह होगा कि इस विवाद का राजनीतिक परिणाम क्या होगा, और क्या यह नीतीश कुमार की नेतृत्व क्षमता पर असर डालता है।