नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री ने चुनावों की स्थिरता पर जोर दिया
चुनावों को टालने की अफवाहों का खंडन
नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने अगले वर्ष मार्च में होने वाले चुनावों को स्थगित करने के प्रयासों के दावों को सिरे से नकार दिया है। अपने छह महीने के कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए, उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनाव निर्धारित समय पर ही होंगे और सरकार इस दिशा में सक्रिय है। कार्की ने अपने संबोधन में कहा कि मार्च में होने वाले चुनाव देश के लिए स्थिरता लाने और एक नए युग की शुरुआत का एकमात्र निश्चित उपाय हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ लोगों में यह संदेह है कि क्या देश वास्तव में चुनाव की ओर बढ़ रहा है और क्या सरकार शांति और सुरक्षा की गारंटी दे सकती है।
चुनावों की तैयारी और सुरक्षा उपाय
कार्की ने कहा कि इस मंच से, मैं यह स्पष्ट करना चाहती हूं कि 21 फाल्गुन, 2082 (5 मार्च, 2026) को होने वाले प्रतिनिधि सभा के चुनाव अब केवल एक एजेंडा नहीं हैं; यह हमारे देश को स्थिरता प्रदान करने का एकमात्र निश्चित मार्ग है। उन्होंने आश्वासन दिया कि चुनावों को स्थगित करने की अफवाहें पूरी तरह से निराधार हैं। सरकार समय पर और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने आगे बताया कि चुनाव की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और सुरक्षा के मामले में कोई कमी नहीं छोड़ी गई है। एकीकृत चुनाव सुरक्षा योजना को मंजूरी मिल चुकी है और नेपाल सेना की तैनाती सुनिश्चित की गई है।
सरकार का गठन और चुनावी आदेश
सितंबर में जनरेशन जेड के विद्रोह के बाद केपी शर्मा ओली की सरकार गिर गई थी, जिसके बाद कार्की को प्रधानमंत्री बनाया गया। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने अंतरिम सरकार का गठन किया और उन्हें छह महीने के भीतर विधानसभा चुनाव कराने का आदेश दिया।
