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नेपाल में Gen-Z आंदोलन के बीच सोशल मीडिया प्रतिबंध हटाया गया: जानें क्या है मामला

नेपाल सरकार ने हाल ही में Gen-Z आंदोलन के चलते फेसबुक, एक्स, और व्हाट्सएप सहित 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगाए गए प्रतिबंध को हटा लिया है। यह निर्णय एक आपात कैबिनेट बैठक में लिया गया, जिसमें बताया गया कि यह कदम विरोध प्रदर्शनों के कारण उठाया गया। हाल के दिनों में काठमांडू और अन्य शहरों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए, जिससे स्थिति हिंसक हो गई। जानें इस फैसले के पीछे की वजह और आगे की संभावनाएं।
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नेपाल में Gen-Z आंदोलन के बीच सोशल मीडिया प्रतिबंध हटाया गया: जानें क्या है मामला

नेपाल सरकार का बड़ा फैसला

Nepal Gen-Z Protest: नेपाल सरकार ने फेसबुक, एक्स, व्हाट्सएप समेत 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगाए गए प्रतिबंध को हटा लिया है। यह निर्णय 8 सितंबर 2025 को हुई कैबिनेट की आपात बैठक में लिया गया। सूचना और संचार प्रौद्योगिकी मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग ने इस बात की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि यह कदम विरोध प्रदर्शनों के चलते उठाया गया, लेकिन सरकार ने कहा कि उन्हें प्रतिबंध लगाने के फैसले पर कोई पछतावा नहीं है। हाल के दिनों में काठमांडू और अन्य प्रमुख शहरों में 'जेन-ज़ी' आंदोलन के तहत बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे थे। सोशल मीडिया पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा था, जिससे स्थिति हिंसक हो गई। इस दौरान 21 लोगों की जान गई और 300 से अधिक लोग घायल हुए।


कैबिनेट की आपात बैठक में लिया गया निर्णय

सोमवार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की आपात बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सभी प्रतिबंधित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को फिर से चालू किया जाएगा। सूचना मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग ने कहा कि सोशल मीडिया पर बैन हटाने का निर्णय उन विरोध प्रदर्शनों के कारण लिया गया है, जो इसे बहाने के तौर पर इस्तेमाल कर रहे थे।


उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री ने कैबिनेट को सूचित किया कि कुछ प्रतिबंधित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने ऐसी प्रतिक्रिया दी है, जो नेपाल के राष्ट्रीय गौरव के अनुरूप नहीं थी।


Gen-Z आंदोलन में बढ़ती हिंसा

सरकार के इस निर्णय से पहले देशभर में तेजी से प्रदर्शन हो रहे थे, जिसमें 'Gen-Z' समूह सबसे आगे था। खासकर काठमांडू के संसद भवन के सामने हजारों युवाओं ने डेरा डाल रखा था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, प्रदर्शन उस समय हिंसक हो गया जब कुछ प्रदर्शनकारी संसद परिसर में घुसने की कोशिश करने लगे।


स्थिति नियंत्रण से बाहर होते देख सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें, आंसू गैस और गोलियों का इस्तेमाल किया। इसके चलते कम से कम 21 लोगों की मौत हो गई, जबकि 300 से अधिक लोग घायल हुए।


मंत्री का स्पष्ट बयान

मंत्री गुरुंग ने स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया बैन हटाने का निर्णय प्रदर्शनकारियों के दबाव में नहीं, बल्कि देश की स्थिरता बनाए रखने के लिए लिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार को सोशल मीडिया प्रतिबंधित करने के फैसले पर कोई पछतावा नहीं है। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि सूचना मंत्रालय ने संबंधित एजेंसियों को आदेश दिया है कि वे सोशल मीडिया साइटों को पुनः शुरू करने की प्रक्रिया तुरंत शुरू करें।


सोशल मीडिया पर बैन लगाने का कारण

तीन दिन पहले नेपाल सरकार ने फेसबुक, एक्स और व्हाट्सएप सहित 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया था। इसका कारण बताया गया कि ये सभी प्लेटफॉर्म्स बिना वैध रजिस्ट्रेशन के नेपाल में ऑपरेट कर रहे थे।


सरकार ने यह कदम डिजिटल गवर्नेंस को मजबूत करने और अनियंत्रित सूचना प्रसार को रोकने के मकसद से उठाया था। हालांकि, यह निर्णय जनता और खासकर युवा वर्ग को नागवार गुज़रा, जिसके चलते देशभर में विरोध की लहर फैल गई।


सोशल मीडिया साइट्स का पुनः संचालन

सोमवार रात से ही फेसबुक, एक्स (ट्विटर), व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया साइट्स धीरे-धीरे फिर से चालू होनी शुरू हो गई हैं। 'Gen-Z' समूह की प्रमुख मांगों में यह शामिल था कि प्रतिबंध तुरंत हटाया जाए। सरकार के इस फैसले के बाद अब यह देखना बाकी है कि विरोध प्रदर्शन पूरी तरह रुकते हैं या नहीं।