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नेपाल में अंतरिम सरकार की शक्तियाँ और गठन की प्रक्रिया

नेपाल में हालिया हिंसा के बाद, पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को जनरेशन जेड ने अपना नेता चुना है। इस लेख में, हम जानेंगे कि नेपाल में अंतरिम सरकार की शक्तियाँ क्या होती हैं, कैसे इसका गठन होता है, और प्रधानमंत्री का चयन कैसे किया जाता है। जानें कि अस्थायी सरकार के पास क्या अधिकार होते हैं और यह कैसे काम करती है।
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नेपाल में अंतरिम सरकार की शक्तियाँ और गठन की प्रक्रिया

नेपाल में अंतरिम सरकार की शक्तियाँ

नेपाल में अंतरिम सरकार की शक्तियाँ: हाल ही में नेपाल में हिंसा के चलते स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। इस बीच, सेना और प्रदर्शनकारियों के बीच बातचीत हुई है। इस बातचीत के परिणामस्वरूप, पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को जनरेशन जेड ने अपना नेता चुना है। उनके नेतृत्व में नेपाल में अगली अंतरिम सरकार का गठन होने की संभावना है।


नेपाल के संविधान के अनुच्छेद 100 के अनुसार, यदि किसी कारणवश मौजूदा सरकार गिर जाती है या प्रधानमंत्री इस्तीफा देते हैं, तो 'अंतरिम' या 'केयरटेकर' सरकार का गठन किया जा सकता है।


अंतरिम सरकार के अधिकार सीमित होते हैं

जानकारी के अनुसार, अंतरिम सरकार के पास सीमित अधिकार होते हैं। नेपाल के मीडिया के अनुसार, अस्थायी सरकार अपने कार्यकाल में कोई महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव या निर्णय नहीं ले सकती। इसका मुख्य उद्देश्य दैनिक प्रशासन को सुचारू रूप से चलाना है। इस प्रकार की सरकार विदेशी नीति और सेना से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णय नहीं ले सकती।


सुशीला कार्की: नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिस

सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिस रह चुकी हैं, जिन्होंने 2016 में पदभार संभाला था। उनकी छवि एक निष्पक्ष और ईमानदार जज के रूप में है। यह ध्यान देने योग्य है कि अंतरिम सरकार में कोई नया कानून पारित नहीं किया जा सकता और यह संवेदनशील क्षेत्रों में सीमित निर्णय लेने का अधिकार रखती है। आमतौर पर, अंतरिम सरकार कुछ हफ्तों से लेकर कुछ महीनों तक ही चलती है।


नेपाल में प्रधानमंत्री का चयन कैसे होता है?

नेपाल में संसदीय लोकतंत्र है, जहां प्रधानमंत्री कार्यकारी प्रमुख होते हैं। प्रधानमंत्री राष्ट्रपति के अधीन होते हैं। संविधान के अनुसार, प्रधानमंत्री का चयन संसद के बहुमत के आधार पर किया जाता है। राष्ट्रपति संसद में सबसे बड़े दल के नेता को प्रधानमंत्री पद के लिए आमंत्रित करते हैं। उम्मीदवार को 30 दिनों के भीतर संसद में विश्वासमत हासिल करना होता है, अन्यथा दूसरे उम्मीदवार को मौका दिया जाता है।


भारत और अमेरिका से अलग है नेपाल की पीएम चयन प्रक्रिया

नेपाल की संसदीय प्रक्रिया भारत और अमेरिका से भिन्न है। भारत में राष्ट्रपति बहुमत वाले लोकसभा सदस्य को प्रधानमंत्री बनाते हैं, जबकि नेपाल में क्षेत्रीय असंतुलन और जातीय विविधता दलों को प्रभावित करती है। अमेरिका में राष्ट्रपति को जनता द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से इलेक्टोरल कॉलेज के माध्यम से चुना जाता है। हाल ही में नेपाल में सोशल मीडिया पर बैन लगा, जिसके खिलाफ युवा सड़कों पर उतरे। इस विरोध प्रदर्शन ने विकराल रूप ले लिया, जिसके परिणामस्वरूप नेपाल के पीएम को इस्तीफा देना पड़ा। अब देश में अंतरिम सरकार बनाने की प्रक्रिया चल रही है।