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नेपाल में ओली के इस्तीफे के बाद का राजनीतिक संकट

नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने हाल ही में अपने इस्तीफे के बाद पहली बार प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने संविधान दिवस के अवसर पर अपने विचार साझा किए और देश में हो रहे विरोध प्रदर्शनों की गंभीरता पर चिंता जताई। ओली ने कहा कि वर्तमान में संविधान पर बड़ा हमला हो रहा है और उन्होंने नई पीढ़ी को चेतावनी दी कि उन्हें देश की संप्रभुता को बचाने के लिए जागरूक रहना चाहिए। जानें उनके बयान और नेपाल की राजनीतिक स्थिति के बारे में।
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नेपाल में ओली के इस्तीफे के बाद का राजनीतिक संकट

नेपाल में ओली सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के खिलाफ हाल ही में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए, जिसके चलते उन्हें पद छोड़ना पड़ा। अब सुशीला कार्की ने अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली है। देश में स्थिति सामान्य होने के बाद, ओली ने पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी है।


ओली ने फेसबुक पर संविधान दिवस के अवसर पर लिखा कि यह दिन नेपाली जनता के लिए महत्वपूर्ण है, जब उन्होंने 70 वर्षों के संघर्ष के बाद संविधान को लागू किया। उन्होंने बताया कि इस दिन लोकतांत्रिक गणराज्य और संघीय व्यवस्था की स्थापना हुई थी। संविधान लागू होने के बाद, नेपाल ने उत्तर और दक्षिण को जोड़ने वाले परिवहन ढांचे का विकास शुरू किया।


ओली का बयान और हालात की गंभीरता

उन्होंने कहा कि नेपाल ने अपने उत्तरी पड़ोसी देशों के साथ परिवहन समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे। ओली ने यह भी कहा कि संविधान नेपाली लोगों द्वारा लिखा गया भविष्य का रोडमैप है। हाल ही में Gen-Z के शांतिपूर्ण प्रदर्शन में हिंसा हुई, जिसमें कई युवा मारे गए। उन्होंने इस घटना पर दुख व्यक्त किया और मृतकों को श्रद्धांजलि दी।



ओली ने आगे कहा कि वर्तमान में संविधान पर बड़ा हमला हो रहा है। उनके इस्तीफे के बाद सिंह दरबार को जलाने और देश के प्रतीकों को नष्ट करने की कोशिश की गई है। उन्होंने कहा कि जन प्रतिनिधि संस्थाएं और राजनीतिक दलों के कार्यालय भी प्रभावित हुए हैं।


भविष्य की चिंता

ओली ने कहा कि वह इस समय साजिशों के बारे में ज्यादा नहीं बोलेंगे, लेकिन समय ही बताएगा कि देश का भविष्य क्या होगा। उन्होंने नई पीढ़ी को चेतावनी दी कि उन्हें समझना चाहिए कि देश की संप्रभुता को बचाने के लिए क्या करना है।