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नेपाल में कर्फ्यू समाप्त, सुशीला कार्की बनीं अंतरिम प्रधानमंत्री

नेपाल में हालात अब सामान्य हो रहे हैं, जहां कर्फ्यू समाप्त कर दिया गया है। पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की ने अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली है, जिससे जनता में नई उम्मीदें जागृत हुई हैं। हाल के प्रदर्शनों में हुई हिंसा के कारण कई लोगों की जान गई है और होटल उद्योग को भारी नुकसान हुआ है। जानें इस स्थिति का पूरा विवरण और आगे की संभावनाएं।
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नेपाल में कर्फ्यू समाप्त, सुशीला कार्की बनीं अंतरिम प्रधानमंत्री

नेपाल में कर्फ्यू का अंत

नेपाल में कर्फ्यू समाप्त: नेपाल, जो हाल के दिनों में अशांति का सामना कर रहा था, अब स्थिति में सुधार की ओर बढ़ रहा है। राजधानी काठमांडू में सुरक्षा बलों की तैनाती के बीच कर्फ्यू लागू किया गया था, लेकिन अब हालात सामान्य हो रहे हैं। आज सुबह 5 बजे से कर्फ्यू और निषेधाज्ञा हटा दी गई है, जिससे नागरिकों को राहत मिली है। इस बीच, नेपाल ने एक अंतरिम सरकार का गठन किया है, जिसकी अगुवाई पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की कर रही हैं.


अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की

सुशीला कार्की के प्रधानमंत्री बनने के बाद, जनता में नई उम्मीदें जागृत हुई हैं। लोग आशा कर रहे हैं कि वह नेपाल को भ्रष्टाचार से मुक्त करने और स्थिरता लाने के लिए ठोस कदम उठाएंगी। राजधानी की सड़कों पर अब सामान्य माहौल लौटता दिख रहा है, और इसे 'नए युग की शुरुआत' माना जा रहा है.


कर्फ्यू और निषेधाज्ञा का हटना

हिंसा के कारण लगाए गए कर्फ्यू और धारा 144 को अब काठमांडू से हटा दिया गया है। हालांकि, सुरक्षा के मद्देनजर सेना की मौजूदगी कुछ दिनों तक बनी रह सकती है.


जनता की उम्मीदें

स्थानीय निवासियों का मानना है कि सुशीला कार्की के नेतृत्व में नेपाल में एक नई शुरुआत होगी। लोग भ्रष्टाचार-मुक्त शासन और विकास की उम्मीद कर रहे हैं.


हिंसा का प्रभाव

हाल के प्रदर्शनों में हुई हिंसा और आगजनी के कारण 51 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें प्रदर्शनकारी, पुलिसकर्मी और अन्य शामिल हैं। लगभग 1,700 लोग घायल भी हुए हैं.


होटल उद्योग को नुकसान

हिंसा का सबसे बड़ा असर नेपाल के होटल उद्योग पर पड़ा है। रिपोर्टों के अनुसार, दो दर्जन से अधिक होटलों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाओं से इस क्षेत्र को लगभग 25 अरब नेपाली रुपये का नुकसान हुआ है.


पुलिस की अपील

नेपाल पुलिस ने हिंसा से संबंधित वीडियो और सबूत साझा करने की अपील की है, ताकि उपद्रवियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सके। इसके लिए एक आधिकारिक ईमेल आईडी भी जारी की गई है.


प्रधानमंत्री के इस्तीफे से बढ़ी हिंसा

प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद स्थिति और बिगड़ गई थी। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, राष्ट्रपति कार्यालय और नेताओं के निवासों में आगजनी की थी। हालांकि, अब हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं.