नेपाल में जनरेशन जेड के विरोध प्रदर्शनों से उत्पन्न संकट

नेपाल में हालात की गंभीरता
नेपाल में जनरेशन जेड के नेतृत्व में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों ने देश की स्थिति को पूरी तरह से बदल दिया है। सोशल मीडिया पर प्रतिबंध, भ्रष्टाचार और आर्थिक संकट के खिलाफ चल रहे इस आंदोलन में कई लोगों की जानें गई हैं और कई अन्य घायल हुए हैं। इस स्थिति को लेकर महाराष्ट्र के नालासोपारा में रहने वाले नेपाली प्रवासियों ने गहरी चिंता व्यक्त की है।
नालासोपारा में एक नेपाली परिवार अपने देश की स्थिति को लेकर बेहद चिंतित है। परिवार की सदस्य कमला गौतम ने मीडिया से बातचीत में नेपाल के हालात और अपने परिवार के सदस्यों की सुरक्षा को लेकर अपनी चिंता जाहिर की।
कमला गौतम ने कहा, “मैं नालासोपारा में रहती हूं, लेकिन मेरा पूरा परिवार नेपाल में है। हाल ही में नेपाल के कई क्षेत्रों जैसे बेनी, काठमांडू और पोखरा घाटी में काफी नुकसान हुआ है। माहौल बहुत खराब है। मेरे माता-पिता और रिश्तेदार लगातार फोन कर रहे हैं। सभी डरे हुए हैं। मैं वहां जाना चाहती हूं, लेकिन हालात ऐसे हैं कि मैं नहीं जा सकती।
कमला के अनुसार, नेपाल की वर्तमान स्थिति ने प्रवासी नेपाली समुदाय को भी चिंतित कर दिया है। वहां के हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं और परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ती जा रही हैं।
यह ध्यान देने योग्य है कि नेपाल में जनरेशन जेड के आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली सहित कई मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस बीच, देश की स्थिति को संभालने के लिए नेपाली सेना ने आगे बढ़कर हालात को काबू करने का आश्वासन दिया है और अंतरिम सरकार के गठन का भरोसा दिया है।
हालांकि, सेना ने जनरेशन जेड का समर्थन किया है, लेकिन उसने स्पष्ट किया है कि उसे सैन्य तख्तापलट में कोई रुचि नहीं है। वह जल्द से जल्द समाधान चाहती है ताकि कानून-व्यवस्था बहाल हो सके।
नेपाली सेना के पास इतनी शक्ति है कि वह राजनीतिक दलों को एक समझौते पर पहुंचने और अंतरिम प्रमुख के रूप में एक उपयुक्त उम्मीदवार खोजने के लिए मजबूर कर सके।