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नेपाल में जेन-जी आंदोलन के बाद चुनाव की तारीख का ऐलान

नेपाल में जेन-जी आंदोलन के चलते प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना पड़ा, जिसके बाद सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने अगले छह महीनों में चुनाव कराने की घोषणा की है। इस आंदोलन में कई लोगों की जान गई और कई इमारतें क्षतिग्रस्त हुईं। राष्ट्रपति ने सभी राजनीतिक दलों से चुनाव में सहयोग की अपील की है। इसके साथ ही, पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है।
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नेपाल में जेन-जी आंदोलन के बाद चुनाव की तारीख का ऐलान

प्रधानमंत्री का इस्तीफा और नए नेतृत्व की शुरुआत

नेपाल में जेन-जी आंदोलन के दबाव के चलते प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना पड़ा और उन्हें गुप्त स्थान पर छिपना पड़ा है। सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई है। जब तक नए प्रधानमंत्री का चुनाव नहीं होता, तब तक देश की बागडोर सुशीला कार्की के हाथों में रहेगी। इस बीच, राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने शनिवार को घोषणा की कि अगले छह महीनों में चुनाव होंगे।


जनता के संघर्ष का परिणाम

अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, जेन-जी विरोध प्रदर्शनों में 51 लोगों की जान गई और 1,300 से अधिक लोग घायल हुए। इस दौरान हजारों कैदी जेल से भाग गए और कई महत्वपूर्ण इमारतों, जिनमें संसद भवन भी शामिल है, को आग के हवाले कर दिया गया। राष्ट्रपति पौडेल ने चुनाव की घोषणा के बाद 5 मार्च को होने वाले चुनावों के लिए जनता से सहयोग की अपील की।


राष्ट्रपति की अपील

राष्ट्रपति ने एक बयान में कहा कि कठिन संघर्ष के बाद देश की स्थिति में एक शांतिपूर्ण समाधान निकला है। संविधान और संसदीय प्रणाली को संरक्षित किया गया है, और संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य की स्थापना की गई है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे 5 मार्च को होने वाले चुनाव में सहयोग करें।


पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ FIR

नेपाली कांग्रेस के सांसद अभिषेक प्रताप शाह ने शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। यह कार्रवाई सोशल मीडिया पर प्रतिबंध और भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद हुए जनरेशन ज़ेड विरोध प्रदर्शनों के चलते की गई है।


अंतरिम प्रधानमंत्री का अस्पताल दौरा

अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने शनिवार को घायल प्रदर्शनकारियों से मिलने अस्पताल का दौरा किया। उनके साथ कई पत्रकार और समर्थक मौजूद थे। प्रदर्शन के दौरान गोली लगने से करीब 30 लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही, प्रदर्शन के दौरान लूटपाट और अन्य आपराधिक गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी शुरू की गई है।