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नेपाल में नए मंत्रियों ने राष्ट्रपति से ली शपथ, सरकार में बढ़ी स्थिरता

नेपाल में चार नए मंत्रियों ने राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल से शपथ ली, जिससे प्रधानमंत्री सुशीला कार्की की मंत्रिपरिषद में सदस्यों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है। नए मंत्रियों में उद्योग, वाणिज्य, कृषि, और शिक्षा के विशेषज्ञ शामिल हैं। इस बदलाव के साथ, नेपाल में राजनीतिक स्थिरता की उम्मीदें बढ़ी हैं। जानें मंत्रियों के विभाग और सरकार की संरचना के बारे में।
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नेपाल में नए मंत्रियों ने राष्ट्रपति से ली शपथ, सरकार में बढ़ी स्थिरता

नेपाल के नए मंत्रियों की शपथ ग्रहण समारोह

नेपाल के चार नए मंत्रियों ने राष्ट्रपति कार्यालय शीतल निवास में एक समारोह के दौरान पद और गोपनीयता की शपथ ली। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने पूर्व जज अनिल कुमार सिन्हा, राष्ट्रीय आविष्कार केंद्र के संस्थापक महावीर पुन, पत्रकार जगदीश खरेल और विशेषज्ञ मदन परियार को शपथ दिलाई। इन चार मंत्रियों के शामिल होने से प्रधानमंत्री सुशीला कार्की की मंत्रिपरिषद में सदस्यों की संख्या अब आठ हो गई है। प्रधानमंत्री ने कई महत्वपूर्ण विभाग अपने पास रखे हैं। 


मंत्रियों के विभाग और सरकार की संरचना

सिन्हा उद्योग, वाणिज्य और आपूर्ति मंत्री बने हैं, जबकि खरेल को संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री का पद मिला है। परियार कृषि एवं पशुधन विकास मंत्री हैं, और पुन शिक्षा तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री के रूप में कार्य करेंगे। नेपाल के संविधान के अनुसार, मंत्रिपरिषद में प्रधानमंत्री सहित अधिकतम 25 सदस्य हो सकते हैं, लेकिन कार्की ने हाल ही में सुझाव दिया था कि उनके अंतरिम मंत्रिमंडल में केवल 11 सदस्य हो सकते हैं। 


राजनीतिक अनिश्चितता का अंत

हालांकि, संगीता कौशल मिश्रा को उनकी विवादास्पद पृष्ठभूमि के कारण मंत्रिमंडल से हटा दिया गया। सूत्रों के अनुसार, भ्रष्टाचार विरोधी संस्था अख्तियार दुरुपयोग अनुसंधान आयोग, नेपाल (सीआईएए) मिश्रा से जुड़े एक भ्रष्टाचार मामले की जांच कर रही है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को पद से हटने के बाद, कार्की ने 12 सितंबर को नेपाल का प्रधानमंत्री बनने के साथ ही देश में राजनीतिक अनिश्चितता का दौर समाप्त किया। कार्यभार संभालने के तुरंत बाद, कार्की ने कुलमा घीसिंग को ऊर्जा, जल संसाधन और भौतिक नियोजन मंत्री, रामेश्वर खनल को वित्त मंत्री और ओम प्रकाश आर्यल को गृह मंत्री नियुक्त किया। यह अंतरिम सरकार अगले साल पांच मार्च को होने वाले आम चुनाव तक कार्य करेगी।