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नेपाल में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री ओली का इस्तीफा

नेपाल में हाल के दिनों में सरकार विरोधी प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया है, जिसके चलते प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया है। प्रदर्शनकारियों ने वित्त मंत्री विष्णु प्रसाद पौडेल पर हमला किया और कई प्रमुख राजनीतिक हस्तियों के घरों में तोड़फोड़ की। सोशल मीडिया पर प्रतिबंध और भ्रष्टाचार के मुद्दों ने युवाओं के आंदोलन को और तेज कर दिया। जानें इस राजनीतिक उथल-पुथल की पूरी कहानी और इसके पीछे के कारण।
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नेपाल में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री ओली का इस्तीफा

नेपाल में बढ़ते विरोध प्रदर्शन

नेपाल में हाल ही में हुए हिंसक सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान, प्रदर्शनकारियों ने वित्त मंत्री विष्णु प्रसाद पौडेल पर हमला किया। यह घटना तब हुई जब काठमांडू और अन्य शहरों में हजारों जेनरेशन ज़ेड के प्रदर्शनकारी सुरक्षा बलों के साथ भिड़ गए। इस बढ़ते तनाव के बीच, प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपने पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया। यह इस्तीफा उस समय आया जब प्रदर्शनकारी उनके कार्यालय में घुसकर सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे। पिछले कुछ दिनों में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़पों में कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई और 300 से अधिक लोग घायल हुए हैं। 


ओली का इस्तीफा और राजनीतिक उथल-पुथल

इससे पहले, ओली ने बढ़ते संकट का सामना करने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाने का प्रयास किया था, लेकिन जब विरोध प्रदर्शन नियंत्रण से बाहर हो गए, तो उन्होंने अंततः इस्तीफा देने का निर्णय लिया। सूत्रों के अनुसार, राजनीतिक उथल-पुथल के बीच, ओली दुबई भागने पर विचार कर रहे हैं। उनके लिए एक एयरलाइन को तैयार रखा गया है। इस्तीफे से कुछ घंटे पहले, प्रदर्शनकारियों ने उनके निजी आवास में आग लगा दी और सोमवार के विरोध प्रदर्शनों में हुई मौतों की जिम्मेदारी की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने कई प्रमुख राजनीतिक हस्तियों के घरों में भी तोड़फोड़ की। 


सोशल मीडिया प्रतिबंध और प्रदर्शन का कारण

सरकार द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगाए गए प्रतिबंध के कारण ये विरोध प्रदर्शन भड़क उठे। अधिकारियों का कहना है कि यह कदम गलत सूचनाओं को रोकने के लिए आवश्यक था। इस निर्णय और भ्रष्टाचार के मुद्दों से नाराज जेनरेशन ज़ेड के युवाओं ने देशभर में बड़े पैमाने पर रैलियां निकालीं। सोमवार को हिंसा अपने चरम पर पहुंच गई, जिसमें पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों में कम से कम 19 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हुए।


प्रदर्शनकारियों का गुस्सा