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नेपाल में सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ जन आंदोलन: ऐतिहासिक इमारतों को नुकसान

नेपाल में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध के खिलाफ शुरू हुए जनरेशन जेड के विरोध प्रदर्शनों ने देश को हिला कर रख दिया है। 8 सितंबर से शुरू हुए इस आंदोलन में 51 लोगों की जान गई है और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार गिर गई है। प्रदर्शनकारियों ने कई ऐतिहासिक इमारतों, जैसे सिंह दरबार और राष्ट्रपति भवन, को नुकसान पहुँचाया है। जानें इस आंदोलन की पूरी कहानी और इसके प्रभावों के बारे में।
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नेपाल में सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ जन आंदोलन: ऐतिहासिक इमारतों को नुकसान

नेपाल में जन आंदोलन का उभार

नेपाल सरकार द्वारा 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाने के निर्णय के खिलाफ शुरू हुए जनरेशन जेड के विरोध प्रदर्शनों ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। यह आंदोलन 8 सितंबर से प्रारंभ हुआ और अब तक 51 लोगों की जान जा चुकी है, साथ ही प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार भी गिर गई है।


ऐतिहासिक इमारतों को नुकसान

प्रदर्शनकारियों ने कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों को नुकसान पहुँचाया है, जिनमें काठमांडू का सिंह दरबार भी शामिल है। यह एशिया का सबसे बड़ा महल है, जिसे 9 सितंबर को आग के हवाले कर दिया गया। सिंह दरबार, जो 1903 में चंद्र शमशेर जंग बहादुर राणा द्वारा निर्मित किया गया था, नेपाल के प्रधानमंत्री का आधिकारिक निवास था और इसमें 1,700 कमरे और आठ आँगन थे।


संविधान सभा पर हमला

नेपाल की संघीय संसद

सिंह दरबार के अलावा, 9 सितंबर को हुए प्रदर्शनों में नेपाल की संघीय संसद को भी नुकसान पहुँचाया गया। यह संसद देश के लोकतंत्र का प्रतीक मानी जाती है और इसमें राष्ट्रीय सभा और प्रतिनिधि सभा शामिल हैं।


सर्वोच्च न्यायालय पर हमला

नेपाली सर्वोच्च न्यायालय

1956 में स्थापित नेपाल के सर्वोच्च न्यायालय पर भी प्रदर्शनकारियों ने हमला किया। इस दौरान परिसर में आग लगने से कई महत्वपूर्ण कानूनी दस्तावेज़ नष्ट हो गए।


नेपाली कांग्रेस का मुख्यालय

नेपाली कांग्रेस का मुख्यालय

काठमांडू में नेपाली कांग्रेस के मुख्यालय को भी आग के हवाले कर दिया गया। नेपाली कांग्रेस, जो नेपाल की गठबंधन सरकार का हिस्सा थी, के नेता शेर बहादुर देउबा के निवास पर भी हमला किया गया।


राष्ट्रपति भवन पर हमला

राष्ट्रपति भवन

9 सितंबर को, प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू के महाराजगंज में स्थित राष्ट्रपति भवन, जिसे शीतल निवास के नाम से जाना जाता है, को भी आग लगा दी। इसका निर्माण 1923 में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्र शमशेर जंग बहादुर राणा ने करवाया था।


बीरेंद्र अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर

बीरेंद्र अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर

काठमांडू के न्यू बानेश्वर में स्थित बीरेंद्र अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में भी 9 सितंबर को तोड़फोड़ की गई। इसका औपचारिक उद्घाटन 1993 में हुआ था।