पंजाब की राजनीति में हलचल: बिक्रम मजीठिया की गिरफ्तारी पर बवाल

पंजाब में राजनीतिक संकट
पंजाब की राजनीतिक स्थिति एक बार फिर से गर्म हो गई है। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को विजिलेंस ब्यूरो ने हिरासत में लिया है। उनके अमृतसर और चंडीगढ़ स्थित आवासों सहित कुल 25 स्थानों पर एक साथ छापे मारे गए। सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई ड्रग मनी से संबंधित एक पुराने मामले की जांच के तहत की गई।
मजीठिया का बयान
इस घटनाक्रम ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। मजीठिया ने इसे एक "नई झूठी कहानी" बताते हुए सरकार पर तीखा हमला किया। अकाली दल के अन्य नेता इसे 'राजनीतिक प्रतिशोध' के रूप में देख रहे हैं।
विजिलेंस टीम की कार्रवाई
जब विजिलेंस की टीम चंडीगढ़ में मजीठिया के घर पहुंची, तो अधिकारियों ने बाड़ फांदकर अंदर प्रवेश किया। उनके ग्रीन एवेन्यू स्थित आवास के चारों ओर भारी पुलिस बल तैनात किया गया और सभी रास्तों को बैरिकेड लगाकर बंद कर दिया गया। उस समय मजीठिया की पत्नी और विधायक गुनीव कौर घर में मौजूद थीं।
महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त
छापेमारी के दौरान अधिकारियों ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज अपने कब्जे में लिए हैं। आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया है और आम लोगों की आवाजाही को पूरी तरह से रोक दिया गया है। मजीठिया ने कहा, "मेरे खिलाफ नया झूठा केस बनाने की तैयारी चल रही है।"
बिक्रम मजीठिया की प्रतिक्रिया
बिक्रम मजीठिया ने रेड के तुरंत बाद कहा, "जब भगवंत मान सरकार को मेरे खिलाफ नशे के झूठे केस में कुछ नहीं मिला, तो अब नया झूठा मामला दर्ज करने की तैयारी हो रही है। मैं डरने वाला नहीं हूं। सरकार मेरी आवाज नहीं दबा सकती।" उन्होंने यह भी कहा कि यह कार्रवाई राजनीतिक दबाव में की जा रही है।
दलजीत चीमा का आरोप
शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा, "ये अघोषित इमरजेंसी है। सरकार विरोधियों को निशाना बना रही है।" पूर्व विधायक एन.के. शर्मा ने भी छापेमारी का विरोध करते हुए कहा कि "घर पर कोई नहीं था, इसके बावजूद टीम अंदर घुस गई। ये लोकतंत्र का दमन है।"
सुखबीर बादल का समर्थन
अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने स्पष्ट किया कि पार्टी मजीठिया के साथ मजबूती से खड़ी है। उन्होंने कहा, "भगवंत मान और आम आदमी पार्टी हमारे नेताओं द्वारा सरकार की नाकामी उजागर किए जाने से घबरा गई है। यह मामला पूरी तरह से राजनीतिक प्रतिशोध का है।" हरसिमरत कौर बादल ने भी ट्विटर पर सरकार पर हमला करते हुए इसे "राजनीतिक आतंकवाद" बताया।
पुलिसकर्मियों को चेतावनी
सुखबीर बादल ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा, "आप झूठे केस दर्ज करके कानून तोड़ने से बचें। सत्ता परिवर्तन में अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है। तब इन दमनकारी कार्रवाइयों की जांच जरूर होगी।"