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पंजाब में उद्योग का नया युग: हैप्पी फोर्जिंग्स का ₹438 करोड़ का निवेश

पंजाब में औद्योगिक विकास की नई लहर देखने को मिल रही है, जब हैप्पी फोर्जिंग्स लिमिटेड ने ₹438 करोड़ का निवेश कर एक नया कारखाना स्थापित करने की घोषणा की। इस परियोजना से 1,250 से अधिक युवाओं को रोजगार मिलेगा और यह 'मेक इन पंजाब' मुहिम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। कंपनी की स्थापना 1979 में हुई थी और अब यह देश की चौथी सबसे बड़ी फोर्जिंग कंपनी बन चुकी है। नए संयंत्र में अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जिससे पंजाब की औद्योगिक क्षमता में वृद्धि होगी। जानें इस निवेश के पीछे की कहानी और पंजाब के भविष्य की संभावनाएँ।
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पंजाब में उद्योग का नया युग: हैप्पी फोर्जिंग्स का ₹438 करोड़ का निवेश

पंजाब का औद्योगिक विकास


पंजाब न्यूज. पंजाब अब केवल कृषि का केंद्र नहीं रह गया है, बल्कि यह औद्योगिक विकास की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। लुधियाना स्थित प्रसिद्ध कंपनी हैप्पी फोर्जिंग्स लिमिटेड ने ₹438 करोड़ का निवेश करके एक नया कारखाना स्थापित करने की योजना बनाई है। इस नए संयंत्र से 1,250 से अधिक युवाओं को रोजगार मिलने की उम्मीद है, जो इंजीनियरिंग, मशीनिंग और गुणवत्ता जांच जैसे क्षेत्रों में कौशल और रोजगार के अवसर प्रदान करेगा। इसे 'मेक इन पंजाब' मुहिम का एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।


कंपनी का इतिहास और विकास

हैप्पी फोर्जिंग्स की स्थापना 1979 में परितोष कुमार गर्ग द्वारा की गई थी। प्रारंभ में यह साइकिल के पैडल का निर्माण करती थी, लेकिन अब यह देश की चौथी सबसे बड़ी फोर्जिंग कंपनी बन चुकी है। लुधियाना के कांगनवाल में स्थित मुख्यालय से, यह कंपनी वाहनों, ट्रैक्टरों, रेलवे और मशीनों के लिए महत्वपूर्ण पुर्जे बनाती है। इसके प्रमुख ग्राहक महिंद्रा, अशोक लेलैंड, आइशर और जेसीबी जैसी बड़ी कंपनियाँ हैं। इस पृष्ठभूमि से स्पष्ट है कि नया कारखाना पंजाब की औद्योगिक क्षमता को और बढ़ाएगा।


नए संयंत्र की विशेषताएँ

लुधियाना में स्थापित होने वाला नया संयंत्र हाई-पावर डीजल इंजनों के क्रैंकशाफ्ट का निर्माण करेगा, जिससे HFL इस क्षेत्र में भारत की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी बन जाएगी। यहाँ अत्याधुनिक CAD/CAM उपकरण, CNC मशीनें, लेज़र और प्लाज़्मा कटिंग मशीनें स्थापित की जाएँगी। यह ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट 2019 में शुरू हुआ था और 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके पूरा होने के बाद, कंपनी की उत्पादन क्षमता दोगुनी हो जाएगी और पंजाब की दिल्ली-NCR और चंडीगढ़ जैसे ऑटो हब में भूमिका और बढ़ जाएगी।


भविष्य की योजनाएँ

यह ₹438 करोड़ का निवेश कंपनी के ₹1,000 करोड़ के बड़े विस्तार का हिस्सा है। उद्योग मंत्री ने बताया कि इस निवेश से 2,000 से अधिक नौकरियाँ उत्पन्न होंगी। लगभग ₹650 करोड़ का खर्च भारी औद्योगिक पुर्जों पर होगा, जो रक्षा, पवन ऊर्जा, खनन और विमानन में उपयोग किए जाएंगे। 3,000 किलो तक के पुर्जे बनाने की तकनीक एशिया में सबसे आधुनिक होगी। कंपनी ने पहले ही एक विदेशी साझेदार से हर साल ₹95 करोड़ के पुर्जे सप्लाई करने का समझौता कर लिया है।


पंजाब का नया ऑटो हब

लुधियाना को 'भारत का मैनचेस्टर' कहा जाता है और यहाँ पहले से 500 से अधिक ऑटो यूनिट्स कार्यरत हैं। हीरो मोटोकॉर्प और HFL जैसे प्रमुख नाम ट्रैक्टरों, टू-व्हीलरों, इलेक्ट्रिक वाहनों और वाणिज्यिक वाहनों के लिए पुर्जे बना रहे हैं। 2022 से अब तक, पंजाब ने ₹50,000 करोड़ का निवेश आकर्षित किया है। HFL का विस्तार पंजाब को वैश्विक सप्लाई चेन से जोड़ देगा और आयात पर निर्भरता को कम करेगा। यह 'मेक इन इंडिया' और PLI योजना को भी सशक्त करेगा।


सरकार का समर्थन और सुधार

पंजाब सरकार ने व्यवसायियों के लिए कई सुविधाएँ प्रदान की हैं। भूमि और शुल्क में छूट, फास्टट्रैक पोर्टल से मंजूरी और छोटे कारखानों के लिए ₹200 करोड़ का शोध फंड स्थापित किया गया है। 2025-26 के बजट में इलेक्ट्रिक वाहनों और ऑटो तकनीक के लिए युवाओं की प्रशिक्षण पर ₹10 करोड़ का प्रावधान किया गया है। लुधियाना के औद्योगिक क्षेत्र बिजली, रेल और हाईवे कनेक्टिविटी से जुड़े हैं और ITI व इंजीनियरिंग कॉलेज से कुशल श्रमिक आसानी से उपलब्ध हैं।


चुनौतियाँ और भविष्य की संभावनाएँ

विशेषज्ञों का मानना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों का बढ़ता बाजार पंजाब के लिए एक नया अवसर प्रस्तुत करता है। HFL हल्के और आधुनिक पुर्जे बनाकर इस क्षेत्र में प्रवेश करेगी। मार्च 2026 में होने वाले प्रोग्रेसिव पंजाब इन्वेस्टर्स समिट में ₹20,000 करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा गया है। हालाँकि, बिजली संकट और किसान आंदोलन जैसी चुनौतियाँ बनी हुई हैं, लेकिन हैप्पी फोर्जिंग्स जैसे निवेश यह दर्शाते हैं कि पंजाब की औद्योगिक ताकत अब देश में एक नई पहचान बनाने की ओर अग्रसर है।