पंजाब में जीवन फिर से सामान्य होने लगा

लोगों की घरों की ओर वापसी, सफाई कार्य जारी
घरों की ओर लौटने लगे लोग, राहत कैंपों की संख्या में कमी
चंडीगढ़। पंजाब में मानसून का प्रभाव समाप्त हो चुका है। बारिशें रुक गई हैं और बाढ़ का पानी भी लगभग सूख चुका है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में अभी भी पानी जमा है, जहां लोगों को बीमारियों से बचाने के लिए सरकार प्रयासरत है। अधिकांश लोग अब अपने घरों की ओर लौट चुके हैं और नए सिरे से जीवन की शुरुआत करने के लिए तैयार हैं।
सरकार द्वारा सफाई और फोगिंग का कार्य
पंजाब सरकार ने बाढ़ के कारण गांवों में फैली गंदगी को साफ करने और बीमारियों के फैलाव को रोकने के लिए सफाई, फोगिंग और छिड़काव का कार्य शुरू किया है। इससे प्रभावित क्षेत्रों में जीवन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है। पंजाब कैबिनेट के कई मंत्रियों ने राहत कार्यों का निरीक्षण किया। मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने अपने विधानसभा क्षेत्र में राहत कार्यों का जायजा लिया और ऐतिहासिक गुरुद्वारा बाबा गुरदिता जी में तटबंध लगाने की प्रक्रिया का भी निरीक्षण किया।
कैबिनेट मंत्री का योगदान
इस अवसर पर, बैंस ने राहत कार्यों के तहत स्थानीय सेवादारों द्वारा चलाई जा रही कार सेवा में ट्रैक्टरों और अन्य वाहनों के लिए 50,000 रुपये का योगदान दिया। मंत्री लाल चंद कटारूचक्क की देखरेख में बाढ़ प्रभावित 10 गांवों में सफाई अभियान चलाया गया। इस अभियान में गलियों की सफाई, खड़े पानी पर स्प्रे और फोगिंग मशीनों का उपयोग किया गया।
विशेष ग्रांट का ऐलान
कटारूचक्क ने बताया कि प्रत्येक बाढ़ प्रभावित गांव को सफाई के लिए एक लाख रुपये की पहली किस्त दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सफाई अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक सभी प्रभावित क्षेत्र पूरी तरह से साफ नहीं हो जाते। राहत कार्यों में सकारात्मक प्रगति देखने को मिल रही है, क्योंकि राहत कैंपों की संख्या 66 से घटकर 41 हो गई है और इन कैंपों में रह रहे व्यक्तियों की संख्या भी 3449 से घटकर 1945 रह गई है।