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पंजाब में ट्री कवर एरिया में कमी: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की रिपोर्ट

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की एक नई रिपोर्ट में पंजाब में ट्री कवर एरिया में 9.06% की कमी का खुलासा हुआ है। जबकि राज्य सरकार हरियाली बढ़ाने के लिए प्रयासरत है, रिपोर्ट के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। जानें इस रिपोर्ट में और क्या जानकारी दी गई है और सरकार की योजनाएं क्या हैं।
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पंजाब में ट्री कवर एरिया में कमी: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की रिपोर्ट

पंजाब में हरियाली की स्थिति


नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की रिपोर्ट में हुआ खुलासा, पिछले छह साल में 9.06 प्रतिशत कम हुआ एरिया


चंडीगढ़। राज्य सरकार ने हरियाली को बढ़ावा देने और पौधरोपण के लिए लोगों को प्रेरित करने का प्रयास किया है। इसके साथ ही, सरकार हर साल पौधरोपण अभियान भी चलाती है। हालांकि, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की हालिया रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि ट्री कवर में 9.06 प्रतिशत की कमी आई है।


रिपोर्ट में आंकड़े

रिपोर्ट के अनुसार, 2017 में पंजाब का ट्री कवर 1622 वर्ग किलोमीटर था, जो 2023 में घटकर 1475.15 वर्ग किलोमीटर रह गया। यह डेटा फारेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की इंडियन स्टेट ऑफ फारेस्ट रिपोर्ट पर आधारित है। सरकार इस कमी को दूर करने के लिए एक जापानी एजेंसी की सहायता लेने की योजना बना रही है।


सरकारी परियोजनाएं

केंद्र सरकार ने हाल ही में 792.88 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य 2030 तक वन क्षेत्र को 7.5 प्रतिशत तक बढ़ाना है। इसके लिए जियोग्राफिक इनफार्मेशन सिस्टम (जीआईएस) मैपिंग का उपयोग किया जा रहा है, ताकि पेड़ों की कमी वाले क्षेत्रों की पहचान की जा सके।


ट्री कवर और वन कवर में अंतर

ट्री कवर उस भूमि क्षेत्र को दर्शाता है जो पेड़ों से ढका हुआ है, जबकि वन कवर विशेष रूप से फारेस्ट इको सिस्टम द्वारा कवर किए गए क्षेत्र को संदर्भित करता है। 2017 में फारेस्ट कवर 1837 वर्ग किलोमीटर था, जो 2023 में 1846.09 वर्ग किलोमीटर तक पहुंच गया है।