पंजाब में नशा तस्करी रोकने के लिए एंटी-ड्रोन यूनिट की स्थापना

सीमा पर नशा तस्करी के खिलाफ सख्त कदम
553 किलोमीटर लंबी सीमा पर एंटी ड्रोन यूनिट की तैनाती
पंजाब ने सीमा पार से नशे की तस्करी को रोकने के लिए एक निर्णायक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बताया कि पाकिस्तान से लगती 553 किलोमीटर लंबी सीमा नशा और हथियारों की तस्करी के लिए संवेदनशील मानी जाती है। इस समस्या से निपटने के लिए, अंतरराष्ट्रीय सीमा पर नौ एंटी-ड्रोन यूनिट स्थापित की जा रही हैं।
इन यूनिटों पर 51.4 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। मान ने कहा कि जबकि देश की सशस्त्र सेनाएं और बीएसएफ पहले से ही ऐसी तकनीकों का उपयोग कर रही हैं, पंजाब पहला राज्य है जिसने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एंटी-ड्रोन प्रणाली को लागू किया है। यह प्रणाली तस्करों को कड़ा जवाब देने में सक्षम होगी।
ड्रोन का उपयोग नशा और हथियारों की तस्करी में
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश विरोधी तत्व तकनीक का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि ड्रोन का उपयोग नशा तस्करी के लिए किया जा रहा है, जिससे पंजाब के युवाओं का जीवन प्रभावित हो रहा है। मान ने सुरक्षा बलों की मेहनत की सराहना की और बताया कि 2024 में 283 ड्रोन जब्त किए गए थे, जबकि 2025 में अब तक 137 ड्रोन बरामद किए जा चुके हैं।
यह एंटी-ड्रोन प्रणाली पठानकोट से फाजिल्का तक सीमा पर तैनात की जाएगी, जो सुरक्षा की दूसरी पंक्ति के रूप में कार्य करेगी।
ड्रोन को तुरंत निष्क्रिय करने की क्षमता
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रणाली राज्य में प्रवेश करने वाले किसी भी ड्रोन को तुरंत निष्क्रिय करने में सक्षम होगी। दूसरी सुरक्षा पंक्ति का मतलब है कि पंजाब पुलिस अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात बीएसएफ के साथ मिलकर काम करेगी। यह प्रणाली नशा और हथियारों की तस्करी से निपटने में सुरक्षा बलों की मदद करेगी।