पंजाब में पराली जलाने के मामलों में रिकॉर्ड वृद्धि
पंजाब में पराली जलाने के मामलों की बढ़ती संख्या
बुधवार को 283 नए मामले सामने आए, पिछले साल का रिकॉर्ड टूटा
चंडीगढ़ : जैसे-जैसे पंजाब में धान की कटाई तेज हो रही है, पराली जलाने की घटनाएं भी बढ़ती जा रही हैं। इसके परिणामस्वरूप, राज्य की वायु गुणवत्ता दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है। मुख्यमंत्री के दावों के बावजूद, वास्तविकता चिंताजनक है।
हालांकि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हाल ही में कहा था कि पराली जलाने के मामलों में कमी आई है, लेकिन बुधवार को 283 नए मामले दर्ज किए गए हैं, जो इस सीजन में सबसे अधिक हैं। यह संख्या पिछले वर्ष 2024 में इसी दिन के मुकाबले भी अधिक है, जब 219 मामले सामने आए थे।
मुख्यमंत्री के जिले में पराली जलाने की घटनाएं
दिलचस्प बात यह है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के अपने जिले संगरूर में हाल के दिनों में सबसे अधिक पराली जलाने की घटनाएं हुई हैं। बुधवार को संगरूर में 79 नए मामले सामने आए, जिससे कुल मामले 170 हो गए हैं। इस प्रकार, संगरूर अब पंजाब में पराली जलाने के मामलों में तीसरे स्थान पर है।
तरनतारन में सबसे अधिक पराली जलाने के मामले
पंजाब में तरनतारन जिले में 296 मामले दर्ज किए गए हैं, जो पराली जलाने में सबसे आगे है। इसके बाद अमृतसर में 173, संगरूर में 170, फिरोजपुर में 123, पटियाला में 73, और अन्य जिलों में भी मामले सामने आए हैं।
सीएम मान का बयान
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब को पराली जलाने के लिए बदनाम किया जा रहा है, जबकि सच्चाई इससे भिन्न है। उन्होंने बताया कि मंडियों में लगभग 90 लाख मीट्रिक टन फसल अभी भी आनी बाकी है, इसलिए पराली जलाने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा राज्य को इस मुद्दे पर कभी दोषी नहीं ठहराया जाता, जबकि वह भी प्रदूषण में योगदान देता है।
