पंजाब में बाढ़ राहत पर मुख्यमंत्री भगवंत मान की केंद्र सरकार से तीखी आलोचना

मुख्यमंत्री भगवंत मान की केंद्र सरकार पर कड़ी टिप्पणी
चंडीगढ़, 1 अक्टूबर 2025: पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बाढ़ राहत के मुद्दे पर केंद्र सरकार के दृष्टिकोण की कड़ी निंदा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य अपने अधिकारों की मांग कर रहा है, न कि भीख। मुख्यमंत्री ने SDRF (State Disaster Response Fund) के पिछले 25 वर्षों के आंकड़ों को प्रस्तुत करते हुए केंद्र के ₹12,000 करोड़ के दावे को भ्रामक बताया।
SDRF फंड का विस्तृत विवरण
मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले 25 वर्षों में, जिसमें अकाली-भाजपा और कांग्रेस सरकारों का कार्यकाल शामिल है, पंजाब को SDRF के तहत केवल ₹6,190 करोड़ प्राप्त हुए हैं। इस राशि का अधिकांश हिस्सा बाढ़, सूखा और ओलावृष्टि जैसी प्राकृतिक आपदाओं में पहले ही खर्च हो चुका है। वर्तमान में SDRF खाते में केवल ₹1,200 करोड़ बचे हैं, जो अगस्त 2025 की विनाशकारी बाढ़ से निपटने के लिए अपर्याप्त है।
2025 की बाढ़ से उत्पन्न संकट
इस वर्ष अगस्त में आई भीषण बाढ़ ने पंजाब के 1,400 गांवों को प्रभावित किया, जिससे चार लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए। कृषि क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ, जिसमें गेहूं, सरसों और रबी फसलों की हजारों एकड़ फसलें नष्ट हो गईं। किसान संगठनों के अनुसार, लगभग 75,000 किसान परिवार पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं और उन्हें तत्काल राहत की आवश्यकता है।
राज्य सरकार का नुकसान और राहत की मांग
राज्य सरकार के प्रारंभिक आकलन के अनुसार, बाढ़ से ₹13,800 करोड़ का नुकसान हुआ है, जिसमें कृषि क्षति, बुनियादी ढांचा, सड़कें, पुल, बिजली और पानी की आपूर्ति शामिल हैं। हालांकि, वास्तविक नुकसान इससे अधिक हो सकता है, क्योंकि कई क्षेत्रों में सर्वेक्षण अभी जारी हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए पंजाब सरकार ने केंद्र से ₹20,000 करोड़ के विशेष राहत पैकेज की मांग की है।
केंद्र सरकार का रवैया
केंद्र सरकार ने अब तक केवल ₹1,600 करोड़ की स्वीकृति दी है, जिसे राज्य सरकार और विपक्ष ने अपर्याप्त बताया है। केंद्र ने सुझाव दिया कि पंजाब SDRF में पड़े ₹12,000 करोड़ का उपयोग करे, जिसे मुख्यमंत्री मान ने 'अंकों की बाजीगरी' करार दिया। उन्होंने कहा कि SDRF का हिसाब पूरी तरह पारदर्शी है और इसे कोई भी जांच सकता है।
केंद्र पर गंभीर आरोप
मुख्यमंत्री ने केंद्र पर GST और ग्रामीण विकास योजनाओं के तहत ₹50,000 करोड़ से अधिक की राशि रोकने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'आपदा प्रबंधन जैसे संवेदनशील मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए। हम अपने हक की मांग कर रहे हैं।'
राज्य सरकार के प्रयास
पंजाब सरकार ने अपने संसाधनों से प्रभावित किसानों को तत्काल सहायता प्रदान करना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री राहत कोष से भी मदद दी जा रही है। हालांकि, सीमित संसाधनों के कारण केंद्र की सहायता के बिना इस आपदा से निपटना मुश्किल है। पंजाब सरकार ने केंद्र से एक बार फिर ₹20,000 करोड़ के राहत पैकेज को तत्काल मंजूरी देने की अपील की है ताकि प्रभावित लोगों को जल्द राहत पहुंचाई जा सके।