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पंजाब में सहकारी सभाओं के पुनरुद्धार के लिए नई योजना

पंजाब में सहकारी सभाओं के पुनरुद्धार के लिए एक नई योजना तैयार की गई है, जिसमें घाटे में चल रही सभाओं को गोद लेने का निर्णय लिया गया है। इस योजना के तहत, अधिकारियों को विभिन्न सहकारी सभाओं की देखरेख करने और उनकी कार्यप्रणाली में सुधार लाने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा, ऑडिट संबंधी जवाबदेही को मजबूत करने पर भी जोर दिया गया है। जानें इस महत्वपूर्ण पहल के बारे में अधिक जानकारी।
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पंजाब में सहकारी सभाओं के पुनरुद्धार के लिए नई योजना

घाटे में चल रही सहकारी सभाओं का पुनरुद्धार


पंजाब में सहकारी सभाओं के पुनरुद्धार के लिए रोडमैप तैयार किया गया है। चंडीगढ़ से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य की उन सहकारी सभाओं को जो वर्तमान में घाटे में चल रही हैं, उनके सुधार के लिए सहकारिता विभाग ने एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मुख्य ऑडिटर, ज्वाइंट रजिस्ट्रार, डिप्टी रजिस्ट्रार और राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने इसमें भाग लिया।


बैठक में रजिस्ट्रार ने क्षेत्रीय स्तर पर परिणाम प्राप्त करने के लिए समयबद्ध और लक्षित कार्यप्रणाली की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके साथ ही, यह भी तय किया गया कि हर महीने की पहली तारीख को अनिवार्य रूप से समीक्षा बैठकें आयोजित की जाएंगी।


800 सहकारी सभाओं को गोद लेने की योजना

बैठक में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत, फील्ड अधिकारियों को घाटे में चल रही सहकारी सभाओं को गोद लेने का निर्देश दिया गया। इस नई योजना के अनुसार, सभी इंस्पेक्टरों को उनके कार्य क्षेत्र के निकट एक सहकारी सभा सौंपी जाएगी, जिससे वे बिना सचिव वाली 800 सहकारी सभाओं का समर्थन कर सकें।


इसके अलावा, प्रत्येक ज्वाइंट रजिस्ट्रार को कम से कम एक, डिप्टी रजिस्ट्रार को दो और सहायक रजिस्ट्रार को तीन सहकारी सभाओं को गोद लेने का निर्देश दिया गया है। अधिकारियों से अपेक्षा की गई है कि वे अपनी गोद ली गई सभाओं की देखरेख करेंगे और उनकी कार्यप्रणाली की निगरानी करेंगे।


ऑडिट संबंधी जवाबदेही को मजबूत करना

बैठक में ऑडिट से संबंधित जवाबदेही को और मजबूत करने पर भी चर्चा की गई। सभी फील्ड अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे निर्धारित समय सीमा के भीतर ऑडिट निरीक्षण की 100 प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करें। यह स्पष्ट किया गया कि ऑडिट संबंधी त्रुटियों को सही ठहराने के लिए पोस्ट-फैक्टो विशेष रिपोर्ट अब स्वीकार नहीं की जाएंगी। जिन अधिकारियों ने पहले त्रुटि रहित रिपोर्ट जारी की थी और बाद में धोखाधड़ी का पता चला, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।