पंजाब विधानसभा में वित्तमंत्री और विपक्ष के नेता के बीच तीखी बहस

विधानसभा सत्र में गरमाई बहस
चंडीगढ़ - पंजाब विधानसभा के सत्र में सोमवार को वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा और विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा के बीच तीखी बहस हुई। स्थिति इतनी तनावपूर्ण हो गई कि स्पीकर को कार्यवाही को दस मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा।
चीमा का आरोप – बाजवा ने अवैध तरीके से जमीन खरीदी
वित्तमंत्री चीमा ने विपक्ष के नेता पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बाजवा ने गुरदासपुर जिले के फूलां गांव और धुस्सी बांध के पास जमीन खरीदी है। उनके अनुसार, पिछली सरकार ने इस भूमि को सुरक्षित रखने के लिए 1.18 करोड़ रुपये खर्च किए थे और इसके साथ अवैध रेत निकासी भी होती रही है।
बाजवा का जवाब – भाजपा से मिलीभगत का आरोप
बाजवा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने यह जमीन निजी व्यक्तियों से खरीदी है और सभी स्टांप ड्यूटी का भुगतान किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी के कई नेता आबकारी घोटाले में जेल गए हैं, लेकिन उन्हें भाजपा के साथ सांठगांठ के कारण नहीं छुआ गया। बाजवा ने आरोप लगाया कि AAP सरकार हर डिस्टलरी से 35 लाख रुपये प्रति माह वसूलती है।
इस बहस के दौरान कांग्रेस विधायक अवतार सिंह जूनियर ने स्पीकर कुलतार सिंह संधवां पर पक्षपात का आरोप लगाया, यह कहते हुए कि वे विपक्ष के नेता को बोलने नहीं दे रहे हैं। इसी बीच, बाजवा और चीमा के बीच बहस और भी तेज हो गई। विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों नेता अपनी सीटें छोड़कर एक-दूसरे की ओर बढ़ गए और दोनों दलों के विधायक भी खड़े होकर एक-दूसरे की ओर बढ़ने लगे। हालाँकि, माइक बंद होने के कारण बहस की पूरी बातें सुनाई नहीं दीं। माहौल बिगड़ते देख स्पीकर ने हस्तक्षेप किया और सदन की कार्यवाही को 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया।