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पंजाब सरकार का बेअदबी कानून: भाजपा प्रवक्ता की चिंताएं

पंजाब की भगवंत मान सरकार ने बेअदबी के मामलों में सख्त सज़ा के लिए विशेष विधानसभा सत्र बुलाने का निर्णय लिया है। भाजपा प्रवक्ता प्रो. सरचंद सिंह ख्याला ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि यह ईमानदार प्रयास है, तो सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि पिछले 10 वर्षों में कितने मामलों में सजा दी गई है। उन्होंने इसे राजनीतिक स्टंट और लोगों का ध्यान भटकाने की साज़िश भी बताया। क्या यह कदम वास्तव में धार्मिक भावनाओं की रक्षा के लिए है, या कुछ और?
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पंजाब सरकार का बेअदबी कानून: भाजपा प्रवक्ता की चिंताएं

भगवंत मान सरकार का विशेष सत्र

अमृतसर/दीपक मेहरा : पंजाब की भगवंत मान सरकार ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब और अन्य धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के मामलों में सख्त सज़ा के लिए एक विशेष विधानसभा सत्र बुलाने का निर्णय लिया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और सिख चिंतक प्रो. सरचंद सिंह ख्याला ने कहा, “यदि यह सत्र लोगों की धार्मिक भावनाओं और आस्था की सुरक्षा के लिए एक प्रभावी कानूनी ढांचा लाने का ईमानदार प्रयास है, तो यह एक सकारात्मक कदम है। लेकिन इससे पहले, लोगों को मान सरकार से यह जानने का अधिकार है कि 2015 से 2025 के बीच धारा 295, 295ए या 153ए के तहत दर्ज 300 से अधिक मामलों में से कितनों को सजा दिलाई गई है। यदि जवाब 'अज्ञात' या केवल 8-10 मामूली मामलों तक सीमित है, तो हम कैसे विश्वास कर सकते हैं कि यह सख्त सज़ा का प्रस्तावित बिल किसी ईमानदार सोच से प्रेरित है? क्या यह 'आप' का राजनीतिक और चुनावी स्टंट नहीं है, और क्या इसके माध्यम से धार्मिक और भावनात्मक कार्ड नहीं खेला जा रहा है? क्या यह 4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुके कर्ज़ और सरकार की विफलताओं से लोगों का ध्यान भटकाने की साज़िश नहीं है?