पंजाब सरकार का मिशन चढ़दीकला: बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए नई पहल

मिशन चढ़दीकला की शुरुआत
भगवंत मान: पंजाब सरकार ने बाढ़ प्रभावित लोगों की सहायता और पुनर्वास के लिए मिशन चढ़दीकला की शुरुआत की है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक आपदा से प्रभावित परिवारों को फिर से खड़ा करना है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पहले एक हजार दानदाताओं का आभार व्यक्त किया और सभी पंजाबियों तथा एनआरआई समुदाय से इस कार्य में योगदान देने की अपील की है।
सीएम का संदेश
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, 'बाढ़ के बाद पंजाब को फिर से मजबूत बनाने और पुनर्वास के लिए शुरू किए गए मिशन चढ़दीकला में योगदान देने वाले पहले एक हजार दानदाताओं का दिल से धन्यवाद करता हूं।' उन्होंने यह भी कहा कि यह मिशन केवल पंजाब सरकार का नहीं, बल्कि पूरे पंजाब और प्रवासी भारतीयों का साझा प्रयास है।
वर्चुअल बैठक में चर्चा
वर्चुअल बैठक में हुई चर्चा
सीएम मान ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के साथ इस विषय पर एक वर्चुअल बैठक की। इस बैठक में पार्टी के संगठन और अन्य नेताओं ने भाग लिया। बैठक के दौरान मिशन चढ़दीकला के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। केजरीवाल ने आश्वासन दिया कि बाढ़ पीड़ितों के पुनर्वास के लिए जुटाए गए हर एक पैसे को 'पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ खर्च किया जाएगा।'
सीएम का ट्विटर संदेश
ਹੜ੍ਹਾਂ ਦੀ ਮਾਰ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਪੰਜਾਬ ਨੂੰ ਮੁੜ ਪੈਰਾਂ 'ਤੇ ਮਜ਼ਬੂਤੀ ਨਾਲ ਖੜ੍ਹਾ ਕਰਨ ਅਤੇ ਪੁਨਰਵਾਸ ਲਈ 'ਮਿਸ਼ਨ ਚੜ੍ਹਦੀਕਲਾ' 'ਚ ਆਪਣਾ ਯੋਗਦਾਨ ਪਾਉਣ ਵਾਲੇ ਪਹਿਲੇ 1000 ਦਾਨੀਆਂ ਦਾ ਦਿਲੋਂ ਧੰਨਵਾਦ ਕਰਦੇ ਹਾਂ। ਨਾਲ ਹੀ ਸਮੂਹ ਪੰਜਾਬੀਆਂ ਅਤੇ NRI ਭਰਾਵਾਂ ਨੂੰ ਵੀ ਅਪੀਲ ਕਰਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਇਸ ਪੁੰਨ ਦੇ ਕੰਮ 'ਚ ਆਪਣਾ ਵਧ ਚੜ੍ਹ ਕੇ ਯੋਗਦਾਨ ਪਾਓ।…
— भगवंत मान (@BhagwantMann) September 19, 2025
सभी का सहयोग आवश्यक
सीएम मान ने पार्टी के नेताओं से कहा कि इस मिशन की सफलता के लिए हर कार्यकर्ता और सदस्य की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने कहा, 'यह मिशन तभी सफल होगा जब हम सभी मिलकर एकजुट होकर काम करेंगे। हर सदस्य का सहयोग इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।'
संवेदनशीलता का संदेश
बाढ़ पीड़ितों के लिए संवेदनशीलता का संदेश
बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि पंजाब सरकार बाढ़ पीड़ितों की समस्याओं के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है और राहत व पुनर्वास कार्यों में तेजी लाने के लिए ठोस कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री मान ने कहा कि यह केवल राहत का कार्य नहीं, बल्कि मानवीय जिम्मेदारी भी है।