पंजाब सरकार ने बाढ़ पीड़ितों को 45 दिनों में मुआवजा देने का आश्वासन दिया

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का मुआवजा योजना पर बयान
चंडीगढ़ - मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज घोषणा की कि पंजाब सरकार 45 दिनों के भीतर सभी बाढ़ प्रभावित लोगों को मुआवजा प्रदान करेगी। उन्होंने अपनी सरकारी आवास पर आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में कहा कि हाल ही में उन्होंने किसानों के लिए फसलों के नुकसान के लिए 20,000 रुपए प्रति एकड़ मुआवजे की घोषणा की थी, जो कि देश में सबसे अधिक है। यह मुआवजा पंजाब के इतिहास में सबसे बड़ा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि पूर्व की सरकारों के समय मुआवजा प्राप्त करने में कई साल लग जाते थे, जिससे पीड़ित किसानों को सरकारी दफ्तरों में भटकना पड़ता था। उन्होंने कहा कि पीड़ितों को जल्द से जल्द मुआवजा मिलना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा, "एक किसान का बेटा होने के नाते, मैं उनकी समस्याओं को भली-भांति समझता हूं। जब तक हर किसान को मुआवजा नहीं मिल जाता, मैं चैन से नहीं सोऊंगा।"
बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए बनाई गई योजना पर चर्चा करते हुए, मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि फसलों के नुकसान का आकलन कल (13 सितंबर) से शुरू किया जाएगा और यह प्रक्रिया 45 दिनों के भीतर पूरी की जाएगी। इसके बाद किसानों को मुआवजे के चेक मिलना शुरू हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि जिन जिलों में बाढ़ का असर नहीं पड़ा है, वहां के अधिकारी प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किए जाएंगे ताकि आकलन का कार्य शीघ्रता से पूरा हो सके।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यदि किसी भी फसल को नुकसान हुआ है, तो मुआवजा दिया जाएगा। रिपोर्ट तैयार होने के बाद किसानों को आपत्ति दर्ज करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया 45 दिनों में पूरी होगी और जिन गांवों में फसल 100 प्रतिशत नष्ट हो गई है, वहां यह प्रक्रिया एक महीने में पूरी कर दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जिन घरों को नुकसान हुआ है, उन्हें भी मुआवजा दिया जाएगा। जिनका पूरा घर ढह गया है, उन्हें 1,20,000 रुपए और जिनका कम नुकसान हुआ है, उन्हें 40,000 रुपए दिए जाएंगे। पहले की सरकारें घरों के कम नुकसान के लिए केवल 6,800 रुपए मुआवजा देती थीं, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 40,000 रुपए कर दिया गया है।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने कहा कि जिनके पशु बाढ़ में बह गए या मरे हैं, उन्हें भी मुआवजा दिया जाएगा। उदाहरण के लिए, यदि किसी की गाय या भैंस की मृत्यु हो गई है, तो सरकार 37,500 रुपए देगी। अन्य सभी पशुओं के लिए भी मुआवजा नियमों के अनुसार दिया जाएगा। उन्होंने आदेश दिया कि घरों या पशुओं के नुकसान का मुआवजा 15 सितंबर से शुरू होना चाहिए और इसे 45 दिनों के भीतर पूरा किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों को गांव-गांव जाकर नुकसान का जायजा लेना चाहिए और रिपोर्ट तैयार करनी चाहिए। यदि किसी को रिपोर्ट पर आपत्ति है, तो उनके पास इसे ठीक कराने के लिए एक सप्ताह का समय होगा। उन्होंने कहा कि पूरी प्रक्रिया 45 दिनों में पूरी होगी और लोगों को मुआवजे के चेक मिलना शुरू हो जाएंगे।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि वह इस प्रक्रिया की व्यक्तिगत रूप से निगरानी करेंगे और यदि कोई अधिकारी समय सीमा का पालन नहीं करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ के कारण कुछ परिवारों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार मुआवजे में कोई देरी न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी कोशिश कर रही है। अब तक 55 मौतों की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें से 42 परिवारों को सहायता राशि के चेक जारी किए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को नदियों के टूटे तटबंधों की मरम्मत के लिए रोजाना निगरानी करने का निर्देश दिया। उन्होंने वर्चुअल बैठक में शामिल सभी डिप्टी कमिश्नरों से भी जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार घरों के नुकसान की भरपाई के लिए नियमों में ढील देने का मुद्दा भारत सरकार के समक्ष उठाएगी। उन्होंने अधिकारियों को हर गांव में मेडिकल कैंप लगाने और फॉगिंग कराने के लिए भी कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पंजाब को बड़ी प्राकृतिक आपदा वाला राज्य घोषित करने का मुद्दा भारत सरकार के समक्ष उठाएगी ताकि नुकसान की भरपाई के लिए अतिरिक्त फंड प्राप्त हो सकें।
बैठक में कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां, मुख्य सचिव के.ए.पी सिन्हा और अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग वर्मा भी उपस्थित थे।