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पटना में कांग्रेस का शक्ति प्रदर्शन: किसानों की जमीन पर उठे सवाल

18 सितंबर को पटना में कांग्रेस ने एक बड़ा शक्ति प्रदर्शन किया, जिसमें किसानों की जमीन के मुद्दे पर सरकार और अडानी समूह पर गंभीर आरोप लगाए गए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि किसानों की जमीन जबरदस्ती छीनी गई है। पवन खेड़ा ने भी प्रधानमंत्री पर वोट चोरी का आरोप लगाया। इस प्रदर्शन ने आगामी चुनावों के संदर्भ में कांग्रेस के तेवरों को और तेज कर दिया है। जानें इस महत्वपूर्ण मुद्दे के बारे में और क्या कहा गया।
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कांग्रेस का विरोध मार्च

18 सितंबर को पटना की सड़कों पर कांग्रेस ने एक बड़ा शक्ति प्रदर्शन किया। इस दौरान पार्टी ने सरकार और अडानी समूह पर गंभीर आरोप लगाते हुए विरोध मार्च निकाला, जिसमें सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए। यह मार्च कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम से शुरू होकर राजेन्द्र बाबू की समाधि और बांसघाट तक पहुंचा। प्रदर्शन के दौरान "जमीन चोर, गद्दी छोड़" जैसे नारे गूंजते रहे।


प्रशासन ने मार्च को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया था। राजधानी में सुरक्षा के लिए जगह-जगह बेरिकेडिंग और निगरानी की व्यवस्था की गई थी। हालांकि, प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन माहौल काफी गर्म था।


किसानों की जमीन पर गंभीर आरोप

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 15 सितंबर को उन्हें नजरबंद कर दिया गया ताकि वे प्रधानमंत्री से न मिल सकें। उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों की जमीन जबरदस्ती छीनी गई और अडानी को दे दी गई।


राजेश राम ने खुलासा किया कि भागलपुर में 1,050 एकड़ जमीन और 10 लाख पेड़ महज 1 रुपये सालाना की दर पर अडानी ग्रुप को सौंप दिए गए।


कांग्रेस नेताओं के तीखे बयान

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने हाल ही में प्रधानमंत्री पर आरोप लगाया कि बिहार में वोट चोरी का इंतज़ाम किया गया है। उन्होंने कहा कि अगर यह काम नहीं करता है, तो अडानी को सब कुछ सौंपने की तैयारी है।


महत्वपूर्ण मुद्दा

किसानों की जमीन के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर एक और सवाल उठता है। अडानी ग्रुप को जमीन और संसाधन देने का मामला गरमाया हुआ है, खासकर 2025 के चुनावों के नजदीक आते ही कांग्रेस के तेवर तेज हो गए हैं।