पटना में कांग्रेस कार्यसमिति की ऐतिहासिक बैठक: बिहार चुनाव की तैयारी

CWC की बैठक का महत्व
CWC Patna बैठक: बिहार विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही महीने बचे हैं, और सभी राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं। आज, बुधवार को पटना में कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक आयोजित की जा रही है। यह आजादी के बाद पहली बार है जब बिहार में CWC की बैठक हो रही है, जबकि इससे पहले 1940 में ऐसी कोई बड़ी बैठक हुई थी।
बैठक में उपस्थित लोग
इस बैठक में पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और लगभग 200 अन्य सदस्य शामिल हो सकते हैं। यह बैठक सुबह 10 बजे सदाकत आश्रम में हो रही है, जो भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का एक महत्वपूर्ण स्थल रहा है। कांग्रेस का यहां एकत्र होना एक मजबूत संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
संभावित चर्चा के मुद्दे
बैठक में चर्चा के मुद्दे
CWC की बैठक में प्रमुख मुद्दों की आधिकारिक जानकारी अभी तक नहीं दी गई है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, 'वोट चोरी' और बिहार में मतदाता सूची के चुनाव आयोग द्वारा किए गए विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर चर्चा हो सकती है। राहुल गांधी ने हाल ही में बिहार के 25 जिलों में लगभग 1300 किलोमीटर की मतदाता अधिकार यात्रा पूरी की थी, जिसके लिए CWC आभार व्यक्त कर सकती है। इसके अलावा, कांग्रेस पार्टी अपनी स्थिति को मजबूत करने पर भी ध्यान केंद्रित कर सकती है।
बिहार की राजनीति में जटिलताएँ
बिहार में राजनीतिक स्थिति
बिहार की राजनीति धीरे-धीरे जटिल होती जा रही है। महागठबंधन में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर उलझनें बढ़ रही हैं। आरजेडी ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बताया है, जबकि कांग्रेस और अन्य दल अभी तक इस पर कोई स्पष्ट राय नहीं दे रहे हैं। इस बैठक में इस मुद्दे पर भी चर्चा की जा सकती है। बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावारू ने इस CWC बैठक की तुलना स्वतंत्रता संग्राम से की है। उन्होंने याद दिलाया कि 1921 में स्वतंत्रता सेनानी मौलाना मजहरुल हक ने सदाकत आश्रम की स्थापना के लिए 21 एकड़ भूमि दान की थी।
इतिहास और भविष्य
महात्मा गांधी, राजेंद्र प्रसाद और जवाहरलाल नेहरू ने इसी धरती से स्वतंत्रता संग्राम की रणनीति बनाई थी। इस बैठक को तेलंगाना विधानसभा चुनाव से भी जोड़ा जा रहा है, जहां 2023 में CWC की एक बड़ी बैठक और रैली आयोजित की गई थी। इसके बाद कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति को हराया था। हालांकि, यह देखना बाकी है कि बिहार की जनता पर इस बैठक का कितना प्रभाव पड़ेगा।