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पटना में बीजेपी नेता की हत्या: सुरक्षा पर उठे सवाल

पटना में बीजेपी नेता गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना गांधी मैदान थाना के नजदीक हुई, जहां हमलावरों ने उन्हें सिर में गोली मारी। यह हत्या केवल एक व्यक्तिगत मामला नहीं है, क्योंकि गोपाल का बेटा भी पहले हत्या का शिकार हो चुका है। राजनीतिक नेताओं ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी है, मुख्यमंत्री ने एसआईटी का गठन किया है। जानें इस घटना के पीछे की कहानी और राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ।
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पटना में बीजेपी नेता की हत्या: सुरक्षा पर उठे सवाल

घटना का विवरण

पटना में 4 जुलाई की रात को, गांधी मैदान थाना से लगभग 300 मीटर की दूरी पर, बीजेपी नेता और व्यवसायी गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वह बांकीपुर क्लब से अपनी कार में घर लौट रहे थे, तभी दो बाइक सवार हमलावरों ने उन्हें सिर में गोली मारी। यह घटना सीसीटीवी फुटेज में स्पष्ट रूप से कैद हो गई। परिवार ने उन्हें तुरंत एक निजी अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने एक गोली और खोखा बरामद किया है और आसपास के सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू कर दी है। यह हत्या केवल एक व्यक्तिगत मामला नहीं है, क्योंकि गोपाल का बेटा गुंजन भी 2018 में हत्या का शिकार हुआ था, जिससे यह घटना 'फैमिली टारगेट' के रूप में देखी जा रही है.


राजद नेता तेजस्वी यादव ने इस घटना पर सवाल उठाते हुए कहा, "थाने से चंद कदम दूर… हर महीने सैंकड़ों व्यापारियों की हत्या हो रही है, लेकिन इसे जंगलराज नहीं कह सकते? इसे छवि प्रबंधन कहते हैं।" सांसद पप्पू यादव ने भाजपा-शासित बिहार को "महा गुंडाराज" करार दिया और पूछा कि अपराधियों का हौसला कैसे इतना बढ़ गया है, जबकि यह एक पॉश क्षेत्र है। राजद के मृत्युंजय तिवारी ने कहा, "गांधी मैदान थाना के बिल्कुल नीचे यह हत्या होती है… अपराधियों को लगता है कि वे सुरक्षित हैं"—यह पूरी तरह से अराजकता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डीजीपी ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए शहर की सिटी एसपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया है।