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पतंजलि ने डाबर च्यवनप्राश के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर की याचिका

पतंजलि आयुर्वेद ने डाबर च्यवनप्राश के खिलाफ अपमानजनक विज्ञापन पर रोक लगाने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। अदालत ने इस मामले को सामान्य अपमान का मामला मानते हुए पतंजलि को चेतावनी दी है कि यदि यह अपील बेकार साबित होती है, तो उन पर जुर्माना लगाया जा सकता है। सुनवाई के दौरान, न्यायालय ने पतंजलि के वकील से कहा कि उनके विज्ञापनों में डाबर का स्पष्ट संदर्भ है। अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी।
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पतंजलि ने डाबर च्यवनप्राश के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर की याचिका

पतंजलि का हाईकोर्ट में कदम

नई दिल्ली। पतंजलि आयुर्वेद ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है, जिसमें डाबर च्यवनप्राश के खिलाफ अपमानजनक विज्ञापन पर रोक लगाने के आदेश को चुनौती दी गई है। इस मामले की सुनवाई जस्टिस सी. हरिशंकर और ओम प्रकाश शुक्ला की बेंच ने की। बेंच ने मौखिक रूप से कहा कि यह सामान्य अपमान का मामला प्रतीत होता है। पतंजलि द्वारा दिए गए बयान स्पष्ट रूप से डाबर को संदर्भित करते हैं। अदालत ने चेतावनी दी कि यदि यह मामला उसे लग्जरी केस और बेकार अपील लगता है, तो वह जुर्माना लगाएगी।


हाईकोर्ट की टिप्पणियाँ

हाईकोर्ट ने कहा कि जब आपने 40 जड़ी-बूटियों से बने साधारण च्यवनप्राश का उल्लेख किया है, तो यह स्पष्ट रूप से डाबर की ओर इशारा करता है। पीठ ने पतंजलि के वकील से कहा कि जब आप यह कहते हैं कि 40 जड़ी-बूटियों वाला च्यवनप्राश बेहतर है, तो आप यह तर्क दे रहे हैं कि डाबर का च्यवनप्राश साधारण है।


बेंच की चेतावनी

बेंच ने कहा कि यदि उन्हें यह अपील बेकार लगती है, तो वे जुर्माना लगाएंगे। उन्होंने कहा कि आपके पास पर्याप्त धन है, इसलिए आप हर मामले में अपील दायर कर सकते हैं।


पतंजलि के वकील का अनुरोध

पतंजलि के वकील ने अदालत से समय मांगा ताकि वे अपने मुवक्किलों के साथ मामले पर चर्चा कर सकें। अदालत ने अगली सुनवाई 23 सितंबर के लिए निर्धारित की।


विज्ञापन में क्या था?

न्यायाधीश ने डाबर की याचिका पर अंतरिम रोक लगाई थी और पतंजलि को निर्देश दिया था कि वह अपने विज्ञापनों से अपमानजनक टिप्पणियाँ हटाए।


डाबर का आरोप

डाबर ने आरोप लगाया है कि पतंजलि का विज्ञापन उनके उत्पाद का अपमान कर रहा है और यह झूठे और भ्रामक बयानों से भरा है।