पप्पू यादव और कन्हैया कुमार का विवाद: कांग्रेस और राजद पर असर

पप्पू यादव और कन्हैया कुमार का विवाद
पप्पू यादव और कन्हैया कुमार के बीच का मामला जटिल हो गया है। यदि इसे विधानसभा चुनाव से पहले सुलझाया नहीं गया, तो कांग्रेस और लालू प्रसाद की पार्टी राजद को नुकसान उठाना पड़ सकता है। नौ जुलाई को बिहार में आयोजित चक्का जाम कार्यक्रम के दौरान, पप्पू यादव और कन्हैया कुमार को राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की खुली गाड़ी में चढ़ने से रोका गया। इसके बाद उन्हें मंच पर जाने से भी रोक दिया गया, जिससे दोनों को धक्के देकर नीचे उतारा गया। इस घटना के बाद से कन्हैया कुमार नाराज हैं और उन्होंने कोपभवन में समय बिताना शुरू कर दिया है, जबकि कांग्रेस की ओर से उन्हें मनाने का कोई प्रयास नहीं किया गया है। पप्पू यादव भी नाराज हैं, लेकिन वे कोपभवन में नहीं गए हैं।
राजद और कांग्रेस के नेताओं की चिंताएं
समस्या यह है कि लालू प्रसाद की पार्टी के नेता, विशेष रूप से उनके बेटे तेजस्वी यादव और राज्यसभा सांसद संजय यादव, पप्पू यादव और कन्हैया को खतरा मानते हैं। मनोज झा को भी कन्हैया कुमार से समस्या है। हालांकि, राजद से ज्यादा प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने इन दोनों को किनारे किया हुआ है। अखिलेश प्रसाद सिंह से लेकर राजेश राम तक सभी को लगता है कि यदि इन दोनों नेताओं को अधिक प्रमुखता दी गई, तो प्रदेश की राजनीति में उनकी स्थिति कमजोर हो जाएगी। इसीलिए कहा जा रहा है कि कांग्रेस के प्रदेश नेताओं ने साजिश करके पप्पू यादव और कन्हैया का नाम कटवाया और उन्हें अपमानित किया। इसके लिए राजद को ढाल बनाया गया। अब कांग्रेस के बड़े नेताओं, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को यह तय करना है कि इनका क्या होगा। ध्यान देने वाली बात यह है कि कन्हैया को राहुल ने आगे बढ़ाया है, जबकि पप्पू यादव प्रियंका के करीबी माने जाते हैं।