पप्पू यादव का चुनाव आयोग पर हमला: क्या है बाढ़ पीड़ितों की मदद का सच?

पप्पू यादव का विवादास्पद बयान
Pappu Yadav On ECI: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी के बीच राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। पूर्णिया से सांसद और जन अधिकार पार्टी (JAP) के नेता पप्पू यादव एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। उन पर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज की गई है। आरोप है कि उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को पैसे बांटे, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। हालांकि, पप्पू यादव ने इस मामले में अपनी सफाई पेश की है और चुनाव आयोग पर भी तीखा कटाक्ष किया है।
ज्ञानेश जी आप और आपके DM जितना मुक़दमा करना हो करें, पीड़ितों की मदद के लिए जितना सामर्थ्य होगा उतना रुपया हम बांटते रहेंगे!
— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) October 10, 2025
पीड़ितों की मदद अपराध है तो हम यह अपराध करेंगे
आप जेल में डालिए या, फांसी दीजिए, हम न रुकेंगे, न झुकेंगे! pic.twitter.com/bo4LmdXIb7
पैसे बांटने के आरोप पर पप्पू यादव की सफाई
पप्पू यादव पर आरोप है कि उन्होंने चुनाव आचार संहिता के दौरान बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाकर लोगों को पैसे बांटे। इस पर उन्होंने कहा कि वह चुनाव नहीं लड़ रहे हैं और न ही किसी राजनीतिक स्वार्थ के लिए ऐसा किया। उनका कहना है कि उन्हें सोशल मीडिया पर लोगों ने बताया था कि कई बाढ़ पीड़ितों को 12 दिनों से खाना नहीं मिला है। करीब 300-400 घर बाढ़ में बह गए हैं और वहां यादव व राजपूत समुदाय के लोग प्रभावित हुए हैं। इसलिए उन्होंने मानवीय आधार पर मदद की।
उन्होंने कहा, "हम तो जा नहीं रहे थे, लेकिन लोग टैग करके बता रहे थे कि कई दिनों से खाना नहीं मिला। ऐसे में हमने इंसानियत के नाते मदद कर दी।"
चुनाव आयोग पर पप्पू यादव का तीखा हमला
"हम भगवान से डरते नहीं, EC से क्या डरेंगे?"
एफआईआर दर्ज होने के बाद पप्पू यादव ने चुनाव आयोग पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "हम भगवान से नहीं डरते हैं, तो चुनाव आयोग से क्या डरेंगे? आप लोग क्या-क्या बोलते रहते हैं!" उनके इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि वे किसी दबाव में नहीं हैं और केवल जरूरतमंदों की मदद कर रहे थे।
सीएम पद के दावेदारों पर कटाक्ष
पप्पू यादव का तंज
पप्पू यादव ने यह भी कहा कि वे खुद चुनाव नहीं लड़ रहे हैं और न ही किसी पद के दावेदार हैं। लेकिन उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि "चार-चार लोग मुख्यमंत्री पद के दावेदार बने बैठे हैं चिराग पासवान, नित्यानंद राय, उपेंद्र कुशवाहा और अन्य।" उनका यह बयान बिहार की राजनीति में चल रही सत्ता की होड़ को दर्शाता है।
तेजस्वी यादव के वादे पर पप्पू यादव की प्रतिक्रिया
रोजगार के मुद्दे पर पप्पू यादव का बयान
जब उनसे तेजस्वी यादव के उस वादे के बारे में पूछा गया जिसमें उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सरकार बनने पर 20 महीने के भीतर सरकारी नौकरियां दी जाएंगी, तो पप्पू यादव ने सीधे जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा, "हर किसी को अपनी बात कहने का अधिकार है। इसमें हम कुछ नहीं कह सकते। रोजगार की बात की जा सकती है, लेकिन इतना रोजगार कहां से आएगा? हां, क्षमता जरूर है।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा रोजगार देती रही है।
बिहार की राजनीति में नया मोड़
पप्पू यादव का यह पूरा मामला बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ लेकर आया है। जहां चुनाव आयोग नियमों के उल्लंघन को लेकर सख्त है, वहीं पप्पू यादव इसे मानवीय सहायता का मामला बता रहे हैं। उनका कहना है कि वे किसी भी राजनीतिक लाभ के लिए नहीं, बल्कि सिर्फ जरूरतमंदों की मदद करने गए थे। अब देखना यह होगा कि चुनाव आयोग इस पूरे प्रकरण पर क्या कदम उठाता है और बिहार की राजनीति पर इसका कितना प्रभाव पड़ता है।