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पप्पू यादव ने नीतीश कुमार की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने पर उठाए सवाल

पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा आशा और ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने के निर्णय पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसे राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा बताते हुए कहा कि यदि सरकार को इन कार्यकर्ताओं की चिंता है, तो उन्हें नियमित क्यों नहीं किया जाता। यादव ने यह भी कहा कि उनकी सरकार आने पर सभी के हितों का ध्यान रखेगी। इसके अलावा, उन्होंने मतदाता पुनरीक्षण और प्रधानमंत्री मोदी के भाषणों पर भी अपनी राय व्यक्त की। जानें इस मुद्दे पर उनका क्या कहना है।
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पप्पू यादव ने नीतीश कुमार की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने पर उठाए सवाल

पप्पू यादव का बयान

पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा आशा और ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि में वृद्धि की समय सीमा पर सवाल उठाया है।


उन्होंने समाचार मीडिया से बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री ने यह निर्णय अचानक क्यों लिया? यदि उन्हें आशा कार्यकर्ताओं की इतनी चिंता है, तो उन्हें नियमित क्यों नहीं किया जाता?


पप्पू यादव ने यह भी कहा कि यह सब कुछ राजनीतिक उद्देश्य के तहत किया जा रहा है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। राज्य की जनता समझती है कि ये लोग ऐसा क्यों कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि लोग अब इनके झांसे में नहीं आएंगे।


उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि जब उनकी सरकार सत्ता में आएगी, तो वे सभी के हितों का ध्यान रखेंगे। हमारी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि किसी के हितों से समझौता न हो। वर्तमान में जो स्थिति बनाई जा रही है, वह केवल राजनीतिक लाभ के लिए है, लेकिन जनता अब इनकी चालाकियों को पहचान चुकी है।


इसके अलावा, पप्पू यादव ने मतदाता पुनरीक्षण पर भी अपनी चिंता व्यक्त की और कहा कि यह संविधान पर हमला है। वे हमारी नस्लों पर भी प्रहार कर रहे हैं। हम इस स्थिति को बर्दाश्त नहीं करेंगे।


उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसद में दिए गए भाषण को अप्रासंगिक बताया और कहा कि उनके भाषण में कुछ भी सुनने लायक नहीं होता। केवल गांधी परिवार के कुछ सदस्यों को निशाना बनाया जाता है।


पप्पू यादव ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वे इतिहास पढ़ने की बात करते हैं, लेकिन वास्तव में उन्होंने केवल नफरत फैलाने वाला इतिहास पढ़ा है। उनका देश से कोई सरोकार नहीं है।