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पप्पू यादव ने मोदी के पश्चिम बंगाल दौरे पर उठाए सवाल

पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पश्चिम बंगाल दौरे पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनके पूर्व के वादे कभी पूरे नहीं हुए। उन्होंने बिहार में किए गए लोकलुभावन वादों का भी जिक्र किया और कहा कि भाजपा का पश्चिम बंगाल में कोई काम नहीं है। यादव ने 'विकसित भारत-जी राम जी योजना' पर भी अपनी राय दी, जिसमें उन्होंने राज्य सरकार के योगदान पर सवाल उठाए। जानें इस मुद्दे पर उनकी पूरी प्रतिक्रिया।
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पप्पू यादव ने मोदी के पश्चिम बंगाल दौरे पर उठाए सवाल

पश्चिम बंगाल दौरे पर पप्पू यादव की प्रतिक्रिया

पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पश्चिम बंगाल दौरे पर सवाल उठाते हुए कहा कि इससे पहले भी वह कई बार इस राज्य का दौरा कर चुके हैं, लेकिन क्या इसका कोई असर हुआ?


उन्होंने समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा कि जब भी देश में किसी राज्य में चुनाव का समय आता है, ये नेता वहां पहुंच जाते हैं। बिहार में भी उन्होंने कई लोकलुभावन वादे किए थे, लेकिन उन वादों का क्या हुआ? क्या वे पूरे हुए? बिहार का चुनाव तो केवल नीतीश कुमार को जिताने के लिए था। इससे पहले ये लोग जम्मू-कश्मीर भी गए थे, वहां किए गए वादों का क्या?


पप्पू यादव ने कहा कि मोदी ने पहले पश्चिम बंगाल में रविंद्रनाथ का रूप धारण किया था। जब वह पंजाब गए थे, तो सिख का रूप धारण किया। ओडिशा में उनके दौरे के दौरान नवीन पटनायक की राजनीतिक स्थिति भी संकट में आ गई थी।


उन्होंने यह भी कहा कि बंकिम चटर्जी को ये लोग दादा कह रहे हैं, जबकि उनके मंत्री उनका नाम भी नहीं ले पा रहे हैं। पश्चिम बंगाल महात्मा गांधी की भूमि है, जहां लोग काली माता की पूजा करते हैं। यहां नफरत का कोई स्थान नहीं है। विवेकानंद ने वसुधैव कुटुंबकम का संदेश दिया था। भाजपा ने सुभाष चंद बोस को कभी सम्मान नहीं दिया, ऐसे में उनका पश्चिम बंगाल में क्या काम है?


पप्पू यादव ने कहा कि अप्रैल में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में यह संभावना है कि केंद्र सरकार बजट में बंगाल को प्राथमिकता देगी। उनका मानना है कि इन नेताओं को बंगाल के हितों से कोई सरोकार नहीं है।


उन्होंने 'विकसित भारत-जी राम जी योजना' पर भी अपनी राय दी। उन्होंने कहा कि राम जी प्रेम और मानवता के प्रतीक थे, लेकिन वर्तमान सरकार को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने मनरेगा की योजना को कमजोर किया है, जिससे मजदूरों को रोजगार नहीं मिल रहा। अगर मनरेगा नहीं होती, तो कोरोना काल में मजदूरों की स्थिति और भी खराब होती।


पप्पू यादव ने जी राम जी योजना में राज्य सरकार के 40% योगदान पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि कौन सा बीमारू राज्य इस योगदान को दे सकता है? सभी राज्यों की स्थिति महाराष्ट्र या कर्नाटक जैसी नहीं है।


उन्होंने यह भी कहा कि मनरेगा में बदलाव करके गरीबों के साथ अन्याय किया गया है। यदि आप आरक्षण को खत्म नहीं कर सकते थे, तो आपने नौकरियों को खत्म कर दिया। दलितों और आदिवासियों का भला नहीं करना चाहते थे, तो आपने उनके अस्तित्व को खत्म करने का प्रयास किया, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।