पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग और TMC के बीच बढ़ता विवाद: अभिषेक बनर्जी के गंभीर आरोप
पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग और TMC के बीच विवाद
पश्चिम बंगाल : तृणमूल कांग्रेस और चुनाव आयोग के बीच स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर चल रहा विवाद बुधवार को और बढ़ गया। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी और मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के बीच तीखी बहस हुई। TMC के प्रतिनिधिमंडल ने SIR से संबंधित चिंताओं पर चुनाव आयोग से चर्चा की, लेकिन बैठक के बाद के बयानों से यह स्पष्ट होता है कि दोनों पक्षों के बीच मतभेद और गहरे हो गए हैं।
अभिषेक बनर्जी के गंभीर आरोप
बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में अभिषेक बनर्जी ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त का व्यवहार असहज और आक्रामक था। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयुक्त उनकी बातों से नाराज होकर उंगली उठाकर बात करने लगे। बनर्जी ने कहा कि वे जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि हैं और चुनाव आयुक्त एक नामित पद पर हैं, इसलिए बातचीत सम्मानजनक होनी चाहिए।
सवालों के जवाब न मिलने का दावा
अभिषेक बनर्जी ने यह भी कहा कि बैठक में उठाए गए महत्वपूर्ण मुद्दों पर कोई ठोस जवाब नहीं मिला। उन्होंने बताया कि केवल कुछ बिंदुओं पर ही स्पष्टता मिली, जबकि अन्य सवालों को टाल दिया गया। जब भी SIR से जुड़े सवाल पूछे गए, चुनाव आयोग ने चर्चा को नागरिकता जैसे अन्य विषयों की ओर मोड़ने की कोशिश की।
पिछली बैठक का हवाला और लीक का आरोप
टीएमसी नेता ने एक महीने पहले की बैठक का जिक्र किया, जिसमें पार्टी के दस सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिला था। उन्होंने कहा कि उस बैठक में पूछे गए सवालों के संतोषजनक उत्तर नहीं मिले। अभिषेक बनर्जी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने कुछ पत्रकारों को जानकारी लीक की और दावा किया कि सभी सवालों के जवाब दिए गए, जबकि टीएमसी के पास इसके विपरीत सबूत हैं।
बंगाल में SIR को लेकर बढ़ता तनाव
यह विवाद पश्चिम बंगाल में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के संदर्भ में है। टीएमसी का आरोप है कि इस प्रक्रिया के दौरान बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं। पार्टी के अनुसार, एन्यूमरेशन प्रक्रिया में 58.2 लाख से अधिक नाम हटाए गए, जिससे राज्य की राजनीति में भारी असंतोष पैदा हुआ है। टीएमसी इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए खतरा मानती है।
चुनाव आयोग का कार्यक्रम और आगे की प्रक्रिया
चुनाव आयोग ने 16 दिसंबर को पश्चिम बंगाल के लिए ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल जारी किया था। दावे और आपत्तियां दर्ज कराने की समयसीमा 15 जनवरी 2026 तक है, जबकि अंतिम मतदाता सूची 14 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी। इस प्रक्रिया को लेकर टीएमसी लगातार सवाल उठा रही है और राज्य सरकार तथा केंद्र के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल सदस्य
इस बैठक में तृणमूल कांग्रेस की ओर से राज्यसभा के चीफ व्हिप मोहम्मद नदीमुल हक, सांसद डेरेक ओ’ब्रायन, कल्याण बनर्जी, ममता ठाकुर, साकेत गोखले और ऋतब्रत बनर्जी शामिल थे। इसके अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रदीप मजूमदार, चंद्रिमा भट्टाचार्य और मानस भुइयां भी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। बैठक के बाद के बयानों से यह स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में SIR को लेकर राजनीतिक टकराव और बढ़ सकता है।
