पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची में बड़े बदलाव, ममता बनर्जी की चिंताएं बढ़ीं
मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण
पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद, मसौदा सूची जारी की गई है। इस प्रक्रिया में कुल 58 लाख 20 हजार मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं। इनमें विभिन्न श्रेणियों के लोग शामिल हैं, जैसे कि जिनकी मृत्यु हो गई है, जो अन्य स्थानों पर स्थानांतरित हो गए हैं, जिनका वोट किसी अन्य क्षेत्र में है, और जो निर्धारित पते पर नहीं मिले। ममता बनर्जी ने इस पुनरीक्षण का विरोध करते हुए आरोप लगाया था कि उनके समर्थकों, विशेषकर मुस्लिम मतदाताओं के नाम जानबूझकर हटाए जा रहे हैं। हालांकि, मसौदा सूची के विश्लेषण से पता चला है कि मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में सबसे कम नाम हटाए गए हैं।
उदाहरण के लिए, मुर्शिदाबाद में 66 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम आबादी है, लेकिन वहां केवल 4.84 प्रतिशत नाम हटाए गए हैं। इसी तरह, माल्दा में मुस्लिम आबादी लगभग 52 प्रतिशत है, और वहां 6.31 प्रतिशत नाम हटाए गए हैं। इन दोनों मुस्लिम बहुल जिलों में किसी भी विधानसभा क्षेत्र में 10 प्रतिशत से अधिक नाम नहीं हटाए गए हैं। यह प्रवृत्ति उत्तरी दिनाजपुर से लेकर बीरभूम तक देखी जा रही है। इसके विपरीत, कोलकाता के आसपास हिंदी बोलने वाले क्षेत्रों में, जैसे कोलकाता दक्षिण और कोलकाता उत्तर, 24 से 26 प्रतिशत तक नाम हटाए गए हैं। ममता बनर्जी के निर्वाचन क्षेत्र भबानीपुर में 21.55 प्रतिशत नाम हटाए गए हैं। भाजपा समर्थक माने जाने वाले मतुआ बहुल क्षेत्रों में 11 से 18 प्रतिशत तक नाम हटाए गए हैं। इस स्थिति के बाद से ममता बनर्जी और उनकी पार्टी ने चुप्पी साध ली है।
