पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा: टीएमसी नेता की हत्या से फैला तनाव

बीते दिन की घटना
पश्चिम बंगाल के बीरभूम ज़िले में एक बार फिर राजनीतिक हिंसा की घटना सामने आई है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता पीयूष घोष की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना शनिवार तड़के लगभग 2 बजे हुई, जब उन्हें उनके घर से बाहर बुलाकर बेरहमी से मारा गया।
फोन कॉल के बाद की गई हत्या
आधी रात का फोन कॉल
प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, पीयूष घोष को रात करीब 12 बजे एक फोन कॉल आई। इसके बाद वह कोमारपुर चौराहे की ओर गए, जहां पहले से घात लगाए हमलावरों ने उन्हें सिर में गोली मार दी। घटनास्थल पर ही उनकी मृत्यु हो गई। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए शव को कब्जे में लेकर बोलपुर उपजिला अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
राजनीतिक हत्याओं की श्रृंखला
तीसरी हत्या का मामला
यह घटना भांगड़ में एक अन्य टीएमसी नेता की हत्या के कुछ ही दिनों बाद हुई है, जिससे यह पिछले तीन दिनों में दूसरी राजनीतिक हत्या बन गई है। इन घटनाओं ने बीरभूम और आसपास के क्षेत्रों में तनाव का माहौल बना दिया है, जिससे आम जनता में भय और असुरक्षा की भावना फैल गई है।
परिजनों से मिलने पहुंचे विधायक
विधायक का समर्थन
लवपुर के टीएमसी विधायक अभिजीत सिंह ने अस्पताल जाकर घोष के परिवार से मुलाकात की। उन्होंने इस घटना की निंदा करते हुए कहा, "यह एक दुखद और चौंकाने वाली घटना है। एक पार्टी कार्यकर्ता को घर से बाहर बुलाकर मारा गया। दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाना चाहिए।" उन्होंने पुलिस पर भरोसा जताया और निष्पक्ष जांच की उम्मीद की।
पुलिस की कार्रवाई
तीन आरोपियों की गिरफ्तारी
बीरभूम के एसपी अमनदीप सिंह ने बताया कि पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को हिरासत में लिया है, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मामले की जांच तेजी से चल रही है और विस्तृत जानकारी जांच पूरी होने के बाद साझा की जाएगी।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
भाजपा का आरोप
इस घटना पर भाजपा विधायक अनूप साहा ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, "पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा चुकी है। आम लोग, यहां तक कि टीएमसी नेता भी सुरक्षित नहीं हैं। ममता बनर्जी सरकार पूरी तरह से विफल साबित हो रही है।"