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पश्चिम बंगाल स्कूल भर्ती घोटाले में टीएमसी की मुश्किलें बढ़ीं: पार्थसारथी मैती का वायरल वीडियो

पश्चिम बंगाल में स्कूल भर्ती घोटाले के चलते तृणमूल कांग्रेस (TMC) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। पार्थसारथी मैती का एक वायरल वीडियो सामने आया है, जिसमें वे पार्टी नेताओं की चुप्पी के लिए माफी मांगते हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि कुछ नेताओं ने पैसे लिए हैं और इस घोटाले में शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी 2016 की भर्ती प्रक्रिया में खामियां पाते हुए हजारों शिक्षकों की नियुक्तियों को रद्द कर दिया है। इस मामले में और क्या खुलासे होंगे, जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें।
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पश्चिम बंगाल स्कूल भर्ती घोटाले में टीएमसी की मुश्किलें बढ़ीं: पार्थसारथी मैती का वायरल वीडियो

पश्चिम बंगाल में स्कूल भर्ती घोटाला

पश्चिम बंगाल स्कूल भर्ती घोटाला: पश्चिम बंगाल में स्कूल भर्ती घोटाले के चलते तृणमूल कांग्रेस (TMC) की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। मेदिनीपुर जिले के टीएमसी पार्षद पार्थसारथी मैती का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है, जिसमें वे कान पकड़कर उठक-बैठक करते हुए अपनी पार्टी के नेताओं की चुप्पी और मिलीभगत के लिए जनता से माफी मांगते हैं।


तामलुक नगर पालिका के वार्ड 10 से पार्षद और वकील पार्थसारथी मैती इस वायरल वीडियो में एक खाली कमरे के कोने में खड़े नजर आ रहे हैं। उनकी रुंधी हुई आवाज में वे कहते हैं कि हमारे जिले के नेता पैसे ले चुके हैं, लेकिन बोलने की हिम्मत नहीं कर रहे हैं।


वीडियो में पार्थसारथी मैती का बयान

पार्थसारथी मैती ने वीडियो में कहा कि विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी केवल इसलिए बड़े-बड़े भाषण दे रहे हैं क्योंकि टीएमसी का शीर्ष नेतृत्व चुप है। उन्होंने आगे कहा कि मैं उनकी ओर से माफी मांगता हूं। उल्लेखनीय है कि शुभेंदु अधिकारी दिसंबर 2020 में विधानसभा चुनाव से पहले टीएमसी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे।


उन्होंने कहा कि यह आजादी और आंदोलनों की धरती है, लेकिन आज शुभेंदु गर्व से घूम रहे हैं क्योंकि कुछ नेताओं ने उनकी मदद की। यह शर्म की बात है कि जिले के सभी नेता जानते हैं कि असली सरगना कौन है, फिर भी कोई बोलने की हिम्मत नहीं करता।


पूर्वी मेदिनीपुर में गंभीर आरोप

पार्षद मैती ने आरोप लगाया कि पूर्वी मेदिनीपुर, जिसे अधिकारी का गढ़ माना जाता है, में 2016 में अयोग्य शिक्षकों की अवैध नियुक्तियों में टीएमसी नेताओं के एक समूह ने मदद की। वही लोग अब इस घोटाले के मास्टरमाइंड को बचाने में जुटे हैं, जबकि सभी जानते हैं कि असली दोषी कौन है।


सुप्रीम कोर्ट का निर्णय

सुप्रीम कोर्ट का फैसला: अप्रैल में, सुप्रीम कोर्ट ने 2016 की भर्ती प्रक्रिया में खामियां पाते हुए लगभग 26,000 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियों को रद्द कर दिया। इस घोटाले के सामने आने के बाद से बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।


जनभावना टाइम्स इस वायरल वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है।