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पांच अगस्त: अटकलों के बीच शांति का दिन

पांच अगस्त का दिन हमेशा से अटकलों का विषय रहा है, खासकर 2019 में अनुच्छेद 370 के हटने के बाद। इस साल भी, कई अटकलें थीं, जैसे जम्मू का विभाजन और समान नागरिक संहिता का बिल। लेकिन यह दिन शांति से बीत गया। जानें इस दिन की घटनाओं और भविष्य की संभावनाओं के बारे में।
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पांच अगस्त: अटकलों के बीच शांति का दिन

पांच अगस्त का महत्व

पांच अगस्त का दिन बिना किसी हलचल के बीत गया। इस दिन से पहले कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं। यह दिन खास है क्योंकि 2019 में नरेंद्र मोदी की सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाने का निर्णय लिया था। इस निर्णय के बाद से हर साल इस दिन कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं की उम्मीद की जाती है। उदाहरण के लिए, 2024 में बांग्लादेश में तख्तापलट हुआ, जिसके कारण प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत में शरण लेनी पड़ी। वहीं, 2025 में सत्यपाल मलिक का निधन हुआ, जो उस समय जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे जब अनुच्छेद 370 को हटाया गया था।


पांच अगस्त से पहले की अटकलें

पांच अगस्त से पहले कई अटकलें लगाई जा रही थीं, जिसमें जम्मू और कश्मीर के विभाजन की संभावना भी शामिल थी। कहा जा रहा था कि जम्मू को एक अलग राज्य बनाया जाएगा, जहां भाजपा की सरकार होगी, जबकि कश्मीर घाटी को केंद्र शासित प्रदेश के रूप में स्थापित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने के कारण भी अटकलों को बल मिला। इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का बिल लाने की भी चर्चा थी। समान नागरिक संहिता के बिल को लेकर भी कयास लगाए जा रहे थे। इस बार भी, पांच अगस्त बिना किसी बड़े घटनाक्रम के गुजर गया। अगले साल फिर से नई अटकलों का सामना करना पड़ेगा।