पाकिस्तान और चीन का नया क्षेत्रीय गुट: भारत के लिए संभावित चुनौतियाँ
नया क्षेत्रीय गठबंधन
अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान और चीन एक नए क्षेत्रीय गुट के गठन की योजना बना रहे हैं, जिसका उद्देश्य दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) की जगह लेना हो सकता है। यह विकास भू-राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ ला सकता है और भारत के लिए भी इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।सार्क, जो दक्षिण एशिया में सहयोग का एक प्रमुख मंच है, हाल के समय में भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के कारण निष्क्रिय हो गया है। अब, ऐसा प्रतीत होता है कि चीन इस स्थिति का लाभ उठाकर पाकिस्तान के साथ मिलकर एक नया गठबंधन बनाने की कोशिश कर रहा है।
इस नए गठबंधन का उद्देश्य आर्थिक, व्यापारिक और रणनीतिक सहयोग को बढ़ावा देना हो सकता है, लेकिन इसके दूरगामी भू-राजनीतिक प्रभाव भी हो सकते हैं। यह कदम चीन के 'बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव' (BRI) को और मजबूती प्रदान कर सकता है।
भारत के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण स्थिति हो सकती है, क्योंकि यह नया गुट क्षेत्रीय शक्ति संतुलन को प्रभावित कर सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह गठबंधन कैसे विकसित होता है और अन्य दक्षिण एशियाई देश इस पर किस प्रकार की प्रतिक्रिया देते हैं। क्या वे इसमें शामिल होंगे या इसे एक चीन-पाकिस्तान-केंद्रित मंच के रूप में देखेंगे?