पाकिस्तान की तालिबान पर बढ़ती चिंता, भारत का नाम घसीटने का आरोप

तालिबान के बयान से पाकिस्तान में हड़कंप
तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी के भारत दौरे के बाद से पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। उनके जम्मू कश्मीर पर दिए गए बयान के बाद पाकिस्तान ने जंग का ऐलान कर दिया है। अफगानिस्तान की सेना पर भारी पड़ने के कारण पाकिस्तान की स्थिति गंभीर हो गई है, और वह भारत का नाम बार-बार ले रहा है। बुधवार को पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक टीवी चैनल पर बातचीत में कहा कि तालिबान सरकार पर भरोसा करना अब मुश्किल हो गया है। उन्होंने यह भी कहा कि तालिबान के हालिया निर्णय पाकिस्तान के हितों के खिलाफ हैं और इनमें 'भारत का प्रभाव' स्पष्ट है।
आसिफ ने यह आरोप लगाया कि तालिबान अब पाकिस्तान के खिलाफ भारत की प्रॉक्सी वॉर में शामिल हो गया है। उनके अनुसार, तालिबान के निर्णय नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित हैं, जिससे संघर्ष विराम की स्थिति लंबे समय तक नहीं टिकेगी। उन्होंने यह भी कहा कि अफगानिस्तान से पाकिस्तान पर होने वाले आतंकी हमलों में तेजी आई है, और तालिबान ने इन हमलों को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं।
आसिफ ने यह भी बताया कि पाकिस्तान ने कई बार कूटनीतिक माध्यमों से अफगानिस्तान से बातचीत की, लेकिन तालिबान ने पड़ोसी देश की चिंताओं को गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने कहा कि उन्हें आशंका है कि आगे चलकर सीजफायर बना रहेगा, लेकिन तालिबान इस समय सभी निर्णय भारत के इशारों पर ले रहा है। मुत्तकी एक हफ्ते तक वहां रहे और अब वापस लौट आए हैं, लेकिन उनके साथ क्या योजना आई है, यह स्पष्ट नहीं है।
तालिबान पर पाकिस्तान का अविश्वास क्यों बढ़ रहा है?
इस महीने दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आ गई है। पाकिस्तान ने बार-बार अफगानिस्तान से सीमा पार आतंकवाद को रोकने की मांग की है। टीटीपी और अन्य आतंकवादी संगठनों की गतिविधियों में वृद्धि ने पाकिस्तान की चिंता को और बढ़ा दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि तालिबान और पाकिस्तान के बीच यह तनाव दक्षिण एशिया में सुरक्षा असंतुलन को बढ़ा सकता है। पाकिस्तान का भारत पर आरोप लगाना कोई नई बात नहीं है।