पाकिस्तान के एयरस्पेस बंद करने से हुआ भारी आर्थिक नुकसान

पाकिस्तान का एयरस्पेस बंद करना
पाकिस्तान एयरस्पेस: भारत के साथ बढ़ते तनाव के कारण पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया, लेकिन यह निर्णय खुद पाकिस्तान के लिए महंगा साबित हुआ। हाल ही में पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने खुलासा किया कि इस फैसले से उसे लगभग 127 करोड़ रुपये (4.10 अरब पाकिस्तानी रुपये) का नुकसान हुआ है।
आतंकी हमले के बाद का तनाव
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक आतंकी हमले की घटना हुई, जिसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन टीआरएफ ने ली। इस हमले ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को फिर से बढ़ा दिया। भारत ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए राजनयिक संबंधों को कम किया, सिंधु जल संधि को निलंबित किया और व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके तुरंत बाद, 24 अप्रैल को पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया।
एयरस्पेस बंद करने का आर्थिक प्रभाव
पाकिस्तान के इस निर्णय का प्रतिकूल प्रभाव खुद पाकिस्तान पर पड़ा। 24 अप्रैल से 30 जून 2025 के बीच, इस कदम से पाकिस्तान को भारी वित्तीय नुकसान हुआ। इस अवधि में लगभग 100 से 150 भारतीय विमानों को प्रभावित किया गया, जिन्हें पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र का उपयोग करना पड़ता था। रक्षा मंत्रालय ने नेशनल असेंबली में बताया कि इस नुकसान की राशि 127 करोड़ रुपये से अधिक है।
सुरक्षा को प्राथमिकता
पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भले ही एयरस्पेस बंद करने से आर्थिक नुकसान हुआ है, लेकिन देश की सुरक्षा और संप्रभुता सर्वोपरि है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि वे इस नुकसान को सहन करने के लिए तैयार हैं, हालांकि यह पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा झटका है।
पुनरावृत्ति का इतिहास
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान को एयरस्पेस बंद करने के कारण नुकसान उठाना पड़ा है। 2019 में भी भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के चलते पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपना एयरस्पेस बंद किया था, जिससे उसे 54 मिलियन डॉलर (लगभग 400 करोड़ रुपये) का घाटा हुआ था। इस बार भी वही स्थिति दोहराई गई और पाकिस्तान को फिर से आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ा।
पाकिस्तान का नया दावा
हालांकि, पाकिस्तान एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ने यह दावा किया है कि इस नुकसान के बावजूद उनका कुल राजस्व बढ़ा है। 2019 में उनका राजस्व 5,08,000 डॉलर था, जो 2025 में बढ़कर 7,60,000 डॉलर हो गया। फिर भी, एयरस्पेस बंद करने से हुए नुकसान ने इस वृद्धि को प्रभावित किया है।