पाकिस्तान ने तालिबान को दी चेतावनी, कहा- हम पूरी तरह से मिटा देंगे
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़ता तनाव
नई दिल्ली। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ गया है। इस्तांबुल में चार दिन तक चली शांति वार्ता के असफल होने के बाद, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने तालिबान को स्पष्ट चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि यदि पाकिस्तान पर कोई आतंकवादी हमला होता है, तो तालिबान को पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाएगा और उन्हें फिर से गुफाओं में छिपना पड़ेगा।
आसिफ ने यह बयान तब दिया जब इस्तांबुल में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बातचीत किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची। पाकिस्तान की प्रमुख मांग थी कि तालिबान उन आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करे, जो अफगान धरती का उपयोग पाकिस्तान में आतंक फैलाने के लिए कर रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि पाकिस्तान ने भाईचारे वाले देशों के अनुरोध पर बातचीत का अवसर दिया, लेकिन अफगान अधिकारियों के विषैले बयानों से उनके विभाजित और धोखेबाज रवैये का पता चलता है।
पाकिस्तान की शक्ति का प्रदर्शन
पाकिस्तान के हौसले को गलत समझा गया
रक्षा मंत्री ने कहा कि तालिबान शासन को समाप्त करने के लिए पाकिस्तान को अपने शस्त्रागार का एक छोटा सा हिस्सा भी इस्तेमाल करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। यदि तालिबान चाहें, तो वे फिर से तोरा बोरा की तरह भागते हुए देखेंगे। आसिफ ने कहा कि तालिबान शासन में मौजूद युद्ध भड़काने वाले तत्वों ने पाकिस्तान की दृढ़ता को गलत समझा है। उन्होंने कहा कि यदि तालिबान युद्ध चाहते हैं, तो दुनिया देखेगी कि उनके दावे केवल दिखावे के हैं।
तालिबान को चेतावनी
पाकिस्तान अब और नहीं सहने वाला
आसिफ ने तालिबान को चेतावनी दी कि पाकिस्तान अब उनके विश्वासघात और उपहास को और नहीं सह सकता। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में किसी भी आतंकवादी या आत्मघाती हमले की कीमत तालिबान को चुकानी पड़ेगी। वे हमारी ताकत की परीक्षा लेना चाहें, लेकिन यह उनके अपने विनाश का कारण बनेगा।
संयुक्त राष्ट्र की चिंता
संयुक्त राष्ट्र ने वार्ता विफल होने पर जताई चिंता
आसिफ ने तालिबान पर आरोप लगाया कि वे अफगानिस्तान को फिर से युद्ध की आग में झोंकने की योजना बना रहे हैं, ताकि अपनी सत्ता को बनाए रख सकें। उन्होंने कहा कि यदि तालिबान शासन अफगानिस्तान और उसके निर्दोष लोगों को फिर से बर्बादी में धकेलना चाहता है, तो यह उनका खुद का निर्णय है। संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच वार्ता विफल होने पर गहरी चिंता जताई है और आशा व्यक्त की है कि बातचीत रुकी हो, लेकिन युद्ध फिर से न शुरू हो।
