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पाकिस्तान में इमरान खान के समर्थकों के लिए बुरी खबर: 166 PTI नेताओं को मिली 10 साल की सजा

पाकिस्तान की एंटी-टेररिज्म कोर्ट ने 166 PTI नेताओं को 10 साल की सजा सुनाई है, जो इमरान खान के समर्थन में उठने वाले कदमों को दबाने की एक रणनीति मानी जा रही है। इस फैसले में प्रमुख राजनीतिक चेहरे शामिल हैं, और PTI ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध का एक उदाहरण बताया है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और 9 मई की घटनाओं का विवरण।
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पाकिस्तान में इमरान खान के समर्थकों के लिए बुरी खबर: 166 PTI नेताओं को मिली 10 साल की सजा

पाकिस्तान की एंटी-टेररिज्म कोर्ट का बड़ा फैसला

पाकिस्तान में इमरान खान के समर्थन में शुरू होने वाली 'फ्री इमरान खान मूवमेंट' से पहले, एंटी-टेररिज्म कोर्ट ने PTI (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ) के 166 नेताओं को 10 साल की सजा सुनाई है। यह निर्णय 9 मई 2023 को फैसलाबाद में आईएसआई कार्यालय और अन्य सैन्य ठिकानों पर हुए हमलों के संदर्भ में लिया गया है। इसे इमरान खान के प्रति बढ़ते समर्थन को दबाने की एक रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।


सजा पाने वाले प्रमुख नेता

इन 166 नेताओं में कई प्रमुख राजनीतिक चेहरे शामिल हैं, जैसे:



  • ओमर अय्यूब – नेशनल असेंबली में नेता प्रतिपक्ष

  • शिबली फ़राज़ – सीनेट में नेता प्रतिपक्ष

  • जर्ताज गुल – पूर्व मंत्री और पीटीआई नेता

  • साहिबज़ादा हमीद रज़ा – पीटीआई के वरिष्ठ सदस्य


इनमें 6 नेशनल असेंबली सदस्य, एक विधायक और एक सीनेटर भी शामिल हैं। अब तक 14 पीटीआई विधायक विभिन्न मामलों में दोषी ठहराए जा चुके हैं।


PTI का विरोध और हाईकोर्ट में अपील

पीटीआई के अंतरिम अध्यक्ष बरीस्टर गोहर अली ने इस फैसले की कड़ी निंदा की है, इसे राजनीतिक प्रतिशोध का एक उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि यह सजा पुलिस की गवाही पर आधारित है, जिसका उद्देश्य नेशनल असेंबली और सीनेट में रिक्तियां पैदा करना है ताकि सत्तारूढ़ दल अपने लोगों को वहां बैठा सके।


9 मई की घटनाएँ

9 मई 2023 को इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद PTI समर्थकों ने कई सैन्य और सरकारी प्रतिष्ठानों पर हमला किया। प्रमुख हमलों में लाहौर का जिन्ना हाउस, मियांवाली एयरबेस, फैसलाबाद का आईएसआई कार्यालय और रावलपिंडी का सेना मुख्यालय शामिल हैं। फैसलाबाद की आतंकवाद निरोधी अदालत ने आईएसआई कार्यालय हमले के मामले में 185 में से 108 आरोपियों को दोषी ठहराया।


पीटीआई पर बढ़ता दबाव

यह सजा 9 मई की हिंसा से संबंधित पहली कार्रवाई नहीं है। इससे पहले, 22 जुलाई को लाहौर की एंटी-टेररिज्म कोर्ट ने शरपाओ ब्रिज दंगों के मामले में 7 वरिष्ठ पीटीआई नेताओं को 10 साल की सजा सुनाई थी। इमरान की गिरफ्तारी के बाद, देशभर से 10,000 से अधिक पीटीआई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया, जिनमें से कई को सैन्य अदालतों में पेश किया गया।