पाकिस्तान में ट्रंप की गाज़ा शांति योजना पर विवाद: शहबाज शरीफ की आलोचना

ट्रंप की गाज़ा शांति योजना पर पाकिस्तान में बवाल
ट्रंप की गाज़ा शांति योजना: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 20 बिंदुओं वाली गाज़ा शांति योजना का समर्थन करने के बाद देशभर में तीखी प्रतिक्रियाएँ सामने आई हैं। इसे पाकिस्तान की पारंपरिक नीति से एक बड़ा मोड़ माना जा रहा है।
शरीफ के इस कदम पर सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी नागरिकों ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। लोगों का कहना है कि उन्होंने वॉशिंगटन को खुश करने के लिए फिलिस्तीन के मुद्दे से समझौता किया है। उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने स्पष्ट किया कि यह प्रस्ताव पाकिस्तान का नहीं, बल्कि अमेरिका का है।
Shehbaz's support for Trump’s Gaza plan is more about pleasing Washington than helping Palestinians. It may look good on the outside, but it doesn’t stop the bombs or punish Israel for its crimes. Peace without justice is empty. Endorsement without conditions is betrayal. Shame!
— Humera 🇵🇰🇵🇸 (@humeraslam) September 30, 2025
विदेश मंत्री ने स्थिति स्पष्ट की
विदेश मंत्री ने खुद को किया अलग
शहबाज शरीफ के समर्थन से उत्पन्न विवाद के बीच, विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा कि यह प्रस्ताव पूरी तरह से अमेरिकी पहल है और पाकिस्तान इसमें शामिल नहीं था। उन्होंने जियो न्यूज से बातचीत में कहा, "यह हमारा दस्तावेज नहीं है। इसमें कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे हैं जिन्हें हमें उठाना होगा और यदि इन्हें शामिल नहीं किया गया, तो हम अपनी स्थिति स्पष्ट करेंगे।"
डार ने आगे कहा कि पाकिस्तान की प्राथमिकता युद्धविराम कराना, खून-खराबा रोकना, मानवीय सहायता पहुंचाना और जबरन विस्थापन को खत्म करना है।
सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया
शरीफ के समर्थन के कुछ ही घंटों में सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना तेज हो गई। एक उपयोगकर्ता ने लिखा, "फिलिस्तीन कभी धोखा नहीं खाएगा और न ही हम अपने देश से किसी धोखे को बर्दाश्त करेंगे। हम प्रधानमंत्री द्वारा ट्रंप की तथाकथित गाज़ा शांति योजना के समर्थन को सख्ती से खारिज करते हैं।"
Shame on you !
— S. Hayat (@Shoki_Hayat) September 29, 2025
You should have at least listened Netunyaho first, it's a plan to formally handover remaining Palestine control to in Israel.
WE Pakistan DO NOT RECOGNISE Israel and NO ONE in Pakistan can change that, period!
एक अन्य उपयोगकर्ता ने सवाल उठाया, "जब 70,000 नागरिकों की मौत के बाद भी इज़रायल सुरक्षा घेरे में है, तो गाज़ा को कैसे निरस्त्रीकृत किया जा सकता है?"
आलोचकों की नजर में कब्जे को नया नाम
आलोचकों की नजर में कब्जे को नया नाम
ट्रंप की 20 सूत्रीय योजना को पाकिस्तान के आलोचक "कब्जे का नया संस्करण" बता रहे हैं। उनका कहना है कि यह योजना फिलिस्तीनियों की जगह इज़रायल के हित साधती है। इस प्रस्ताव के अनुसार गाज़ा की देखरेख के लिए एक अंतरराष्ट्रीय "बोर्ड ऑफ पीस" बनेगा, जिसकी अगुवाई खुद ट्रंप करेंगे, जब तक कि फिलिस्तीन प्राधिकरण "सुधार कर तैयार" न हो जाए।